16 जून को नीतीश कैबिनेट का विस्तार होने जा रहा है. JDU विधायक रत्नेश सदा कैबिनेट में शामिल होंगे. कल ही सीएम नीतीश से विधायक रत्नेश सदा मिले थे. रत्नेश सदा सहरसा के सोनवर्षा सीट से विधायक हैं. संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद कैबिनेट विस्तार होगा. राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होगा. बिहार कैबिनेट में कई मंत्री पद खाली हैं. आपको बता दें कि सुधाकर सिंह और कार्तिक सिंह पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं.
सीएम के भरोसे पर खरा उतरेंगे
शपथ ग्रहण का लेकर रत्नेश सदा ने कहा कि नीतीश कुमार ने उन पर भरोसा जताया है. वह उस भरोसे पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे. जीतन राम मांझी का विकल्प वह नहीं है. क्योंकि जिस समाज से आते हैं उस समाज को वह ठगने का प्रयास नहीं किए जबकि माझी जी ने अपने समाज के लोगों के साथ गद्दारी की. रत्नेश सदा ने कहा कि जितनी खुशी मंत्री बनने को लेकर उनको है उससे ज्यादा खुशी नीतीश कुमार को है कि एक मुसहर के बेटे को उन्होंने मंत्रिमंडल में जगह देने का काम किया है.
कौन हैं रत्नेश सदा ?
- JDU से विधायक हैं रत्नेश सदा
- सहरसा के सोनवर्षा सीट से विधायक हैं रत्नेश सदा
- JDU के सचेतक भी हैं रत्नेश सदा
- मांझी समाज से आते हैं रत्नेश सदा
आपको बता दें कि सोनवर्षा विधानसभा सीट से 2020 में जेडीयू प्रत्याशी के तौर पर रत्नेश सदा ने चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी तरनी ऋषिदेव को 13 हजार 466 वोट से हरा दिया था और सोनवर्षा विधायक बने थे. मंत्री संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद महागठबंधन में अब केवल दो ही दलित मंत्री बचे हैं. एक अशोक चौधरी और दूसरे सुनील कुमार हैं. मिली जानकरी के अनुसार बताया जा रहा है कि संतोष सुमन की जगह रत्नेश सदा को दी जाएगी. उन्हें अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री बनाया जा सकता है. क्योंकि संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद दलितों के बीच अपनी जगह बनाना के लिए सीएम नीतीश कुमार को किसी को तो लाना ही होगा.
Source : News State Bihar Jharkhand