लोकसभा चुनाव में अभी एक साल से कम का समय बचा है, लेकिन जेडीयू अभी से चुनाव मोड में आ गई है. JDU आज से भाईचारा यात्रा शुरू कर रही है. नीतीश की पार्टी तीन बड़ी मुहिम अगस्त में शुरू होने जा रही है. अलग-अलग मुहिम से अलग-अलग वोट बैंक को साधने की कोशिश की जाएगी. JDU की यात्रा से अब प्रदेश में राजनीति शुरू हो गई है. आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी सभी दलों ने शुरू कर दी है. इस बार मुकाबला कुछ अधिक दिलचस्प होने की संभावना है. विपक्षी दलों ने बीजेपी को हराने के लिए अब नया फार्मूला तैयार किया है.
अगस्त में JDU के तीन बड़े अभियान
बिहार में BJP को हराने के लिए JDU ने अपनी तैयारियों को तेज कर दी है. इसी क्रम में JDU अब भाईचारा यात्रा की शुरुआत करने जा रही है. ये यात्रा 1 अगस्त से शुरू होगी और 6 सितंबर तक चलेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस यात्रा की जिम्मेवारी पार्टी के MLC खालिद अनवर को दी है. 40 दिनों की यात्रा में बिहार के 26 जिलों में पार्टी के नेता जाएंगे. जेडीयू की 'भाईचारा यात्रा' तीन चरणों में पूरे बिहार को कवर करेगी.
दलित और मुस्लिम वोटबैंक साधने की कोशिश
लोकसभा चुनाव में भले ही 1 साल से कम का समय बचा है, लेकिन अभी से ही जेडीयू चुनावी मोड में दिखने लगी है. जेडीयू की तीन बड़ी मुहिम अगस्त में शुरू होने वाली है. इन अभियानों के जरिए दलितों, मुस्लिमों और अति पिछड़ों को लुभाने की कोशिश की जाएगी. पार्टी अपनी पूरी ताकत तीनों अभियान में लगाने जा रही है. इसमें कई मंत्रियों, विधायकों और विधान पार्षदों को अलग-अलग जिम्मेवारी दी गई है.
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- 1 अगस्त से मुसलमानों को रिझाने के लिए 'भाईचारा यात्रा'
- 3 चरणों में 26 जिलों से गुजरेगी यात्रा
- 15 फीसदी दलित वोट बैंक पर नजर
- 6 अगस्त से 24 जनवरी तक कर्पूरी चर्चा अभियान
- 50 फीसदी पिछड़ों, अति पिछड़ों को लुभाने की कोशिश
- 15 अगस्त से JDU का भीम संवाद कार्यक्रम
- भीम संवाद के जरिए दलितों को रिझाने की कोशिश
- 16 फीसदी दलित वोट बैंक पर नजर
बीजेपी ने साधा निशाना
JDU की भाईचारा यात्रा को लेकर बिहार में राजनीति तेज है. JDU की भाईचारा यात्रा पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने निशाना साधा है. सम्राट चौधरी ने कहा कि JDU अपने सहयोगियों को कमजोर कर रही है. सम्राट चौधरी के बयान पर जेडीयू और RJD ने पलटवार किया है. मंत्री जमा खान और RJD विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि महागठबंधन की तैयारी से बीजेपी डर गई है.
AIMIM को नुकसान पहुंचाने की कोशिश
JDU की भाईचारे का संदेश कहीं न कहीं एक तरफ बीजेपी के खिलाफ अल्पसंख्यक वोटों की गोलबंदी तो दूसरी तरफ AIMIM से संभावित नुकसान को खत्म करने की तैयारी से जुड़ा दिखता है. AIMIM के आने के बाद मुस्लिम वोट बैंक पर नीतीश कुमार की पकड़ ढीली हुई है. हालांकि इस बार आरजेडी नीतीश कुमार के साथ है, लेकिन उसके बावजूद पार्टी अपनी तैयारी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.
HIGHLIGHTS
- अगस्त में JDU के तीन बड़े अभियान
- दलित और मुस्लिम वोटबैंक साधने की कोशिश
- 6 अगस्त कर्पूरी चर्चा अभियान
- 15 अगस्त से भीम संवाद कार्यक्रम
Source : News State Bihar Jharkhand