Jitan Ram Manjhi Statement On Bharat Bandh: सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले, जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) आरक्षण में क्रीमीलेयर को शामिल न करने की बात कही गई है. बता दें कि खिलाफ देशभर में दलित संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया है. इस फैसले का विरोध करते हुए कई दलित संगठन और सामाजिक समूह सामने आए हैं, जिसमें 'रिजर्वेशन बचाओ संघर्ष समिति' भी शामिल है. समिति ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को दलितों के अधिकारों के खिलाफ बताया है और इसे वापस लेने की मांग की है.
जीतन राम मांझी का बयान - ''हम इस बंद का विरोध करेंगे''
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने स्पष्ट किया है कि वे इस भारत बंद का समर्थन नहीं करेंगे. उन्होंने दलित संगठनों पर आरोप लगाया कि कुछ विशेष लोग इस आंदोलन को अपने स्वार्थ के लिए चला रहे हैं. मांझी ने कहा, ''जो लोग आज बंद का समर्थन कर रहे हैं, वे वही हैं जिन्होंने पहले भी आरक्षण के नाम पर अपनी स्थिति को मजबूत किया और बाकी दलित समुदाय को पीछे छोड़ दिया.''
वहीं मांझी ने अपने बयान में यह भी कहा कि उनके समुदाय के लोग अभी भी अत्यधिक गरीबी में जी रहे हैं, जबकि कुछ अन्य लोग, जिन्हें उन्होंने 'D4' कहा, आरक्षण का लाभ उठाकर बेहतर जीवन जी रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा, ''हमारी 18 जातियां अलग हैं और हम अलग आरक्षण की मांग करते हैं. हम इस बंद का समर्थन नहीं करेंगे, बल्कि इसका विरोध करेंगे.''
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दलित लड़की की हत्या पर मांझी का बयान
इसके अलावा मुजफ्फरपुर में दलित लड़की की हत्या के मामले में भी मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इस घटना को 'हिलेरियस क्राइम' कहा और इसे अत्यंत निंदनीय बताया. उन्होंने सरकार से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि दलितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए.
तेजस्वी यादव पर मांझी का पलटवार
आपको बता दें कि इस बीच बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जीतन राम मांझी और चिराग पासवान पर आरोप लगाया कि वे सिर्फ सत्ता का लाभ उठा रहे हैं और दलितों की आवाज नहीं उठा रहे. यादव के इस बयान पर मांझी ने तीखा पलटवार किया. उन्होंने कहा, ''तेजस्वी यादव केवल विरोध करना जानते हैं. उन्हें अपने पिताजी के शासनकाल को भी याद करना चाहिए, जब 2005 से पहले बिहार में दलितों की स्थिति बदतर थी.''
इसके साथ ही आपको बता दें कि मांझी ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव को केवल आलोचना करने की आदत है और वे अपने खुद के परिवार के शासनकाल की गलतियों को भूल जाते हैं. उन्होंने यादव को सलाह दी कि वे बिहार के इतिहास का अध्ययन करें और समझें कि दलितों की स्थिति में सुधार कैसे किया जा सकता है.