Bihar Politics News: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान और आरक्षण व्यवस्था को कमजोर करने की साजिश रच रही है. लालू यादव का यह बयान केंद्र सरकार द्वारा लोक सेवा आयोग (UPSC) के माध्यम से निजी क्षेत्र से संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक स्तर पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए जाने के बाद आया है.
निजी क्षेत्र से सीधी भर्ती पर सवाल
आपको बता दें कि लालू यादव ने इस नई नियुक्ति प्रक्रिया की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह संविधान के मूल्यों और आरक्षण प्रणाली के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में न केवल सरकारी कर्मचारियों को आवेदन का अवसर नहीं दिया गया, बल्कि इसमें आरक्षण का भी कोई प्रावधान नहीं है. लालू यादव ने इसे बीजेपी और आरएसएस की साजिश करार दिया और आरोप लगाया कि यह नियुक्ति प्रक्रिया कॉरपोरेट में काम कर रहे संघ समर्थकों को सीधे सरकार के उच्च पदों पर बैठाने के लिए की जा रही है. उन्होंने इसे 'नागपुरिया मॉडल' का हिस्सा बताया, जिसमें संघ के विचारधारा के लोग सरकारी तंत्र में प्रवेश कर रहे हैं.
बाबा साहेब के संविधान एवं आरक्षण की धज्जियां उड़ाते हुए नरेंद्र मोदी और उसके सहयोगी दलों की सलाह से सिविल सेवा कर्मियों की जगह अब संघ लोक सेवा आयोग ने निजी क्षेत्र से संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक स्तर पर नियुक्ति के लिए सीधी भर्ती का विज्ञापन निकाला है।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) August 18, 2024
इसमें कोई सरकारी… pic.twitter.com/KnjlD9ripQ
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आरक्षण की अनदेखी पर कड़ी प्रतिक्रिया
वहीं लालू यादव ने आरोप लगाया कि संघी मॉडल के तहत इस नई भर्ती प्रक्रिया में दलित, पिछड़े और आदिवासी समुदायों के लोगों को आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह वंचित वर्गों के अधिकारों पर एक संगठित हमला है, जिसमें एनडीए सरकार पूरी तरह से शामिल है. लालू यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार संविधान की मूल भावना को खत्म कर रही है और आरक्षण को दरकिनार करने का प्रयास कर रही है.
तेजस्वी यादव ने भी जताई चिंता
इसके अलावा आपको बता दें कि लालू यादव के इस बयान से पहले, आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी इस नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार बाबा साहेब द्वारा लिखे गए संविधान और आरक्षण व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है. तेजस्वी यादव ने इसे दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के अधिकारों पर हमला बताया और इस नीति को संविधान के खिलाफ करार दिया.
संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए आवाज उठाने का आह्वान
बहरहाल, लालू यादव ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए सभी वंचित और शोषित वर्गों से अपील की है कि वे संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए आगे आएं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार संविधान को कमजोर करके आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है. लालू यादव का कहना है कि अगर इस साजिश का समय रहते विरोध नहीं किया गया, तो यह लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है.