Bihar Politics: बिहार की राजनीति में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बात करें तो उन्हें राजनीति का मंझा हुआ खिलाड़ी माना जाता है. उनकी नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक सूझबूझ की वजह से ही पार्टी हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में चार सीटें जीतने में सफल रही. अब लालू प्रसाद यादव 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. इसी सिलसिले में शुक्रवार 21 जून को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर राजद के लोकसभा प्रत्याशियों की बैठक हुई. इस बैठक में भाई-भतीजावाद के कलंक को मिटाते हुए अभय कुशवाहा को संसदीय दल का नेता चुना गया.
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तेजस्वी और लालू की मौजूदगी का महत्व
आपको बता दें कि इस महत्वपूर्ण बैठक में तेजस्वी यादव के साथ ही आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी मौजूद रहे. सर्वसम्मति से आरजेडी के संसदीय दल का नेता अभय कुशवाहा को बनाया गया, जो इस बार औरंगाबाद लोकसभा सीट से विजयी रहे हैं. इसके अलावा, लोकसभा में सुरेंद्र यादव को मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है. राज्यसभा से संसदीय दल की नेता पहले मीसा भारती थीं, लेकिन अब उनकी जगह पर फैयाज अहमद को राज्यसभा के संसदीय दल का नेता बनाया गया है. इस प्रकार, एक कुशवाहा (K) और एक मुस्लिम (M) नेता को महत्वपूर्ण पद देकर लालू प्रसाद यादव की नई रणनीति में एमके पॉलिटिक्स की झलक दिखाई दे रही है.
MY से एमके पॉलिटिक्स की ओर रुख
लालू प्रसाद यादव का कोर वोट बैंक MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण माना जाता रहा है. हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में लालू ने इंडिया गठबंधन की सभी सीटों पर प्रत्याशियों के चयन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. 2025 की रणनीति के तहत उन्होंने कुशवाहा समाज से आने वाले चार प्रत्याशियों को टिकट दिया था. यह रणनीति सफल रही और राजपूत बहुल क्षेत्र के चित्तौड़गढ़ कहे जाने वाले औरंगाबाद सीट से कुशवाहा समाज के अभय कुशवाहा ने जीत हासिल की. अन्य लोकसभा क्षेत्रों में भी कुशवाहा समाज का वोट प्राप्त करने में इंडिया गठबंधन सफल रहा.
आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी
इसके साथ ही आपको बता दें कि लालू प्रसाद यादव अब अपने इस निर्णय को सफल मानते हुए आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. उन्होंने सांसद नेता के चयन में मुस्लिम-यादव के पारंपरिक समीकरण को हटाकर कुशवाहा-मुस्लिम का समीकरण तय किया है. लालू जानते हैं कि यादव वोटर्स उनके कोर वोटर्स हैं. अगर मुस्लिम वोट भी नहीं टूटता और करीब 8 से 10% आबादी वाले कुशवाहा वोट पर उनकी पकड़ मजबूत हो जाती है, तो 2025 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी को अच्छी सीटें मिल सकती हैं.
लालू की नई दिशा
वहीं लालू प्रसाद यादव की यह नई रणनीति बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है. वे अपने कोर वोटर्स को बनाए रखते हुए नए वोटर्स को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी इस एमके पॉलिटिक्स का उद्देश्य विभिन्न समुदायों को साथ लाकर एक मजबूत राजनीतिक गठबंधन बनाना है. इससे यह स्पष्ट होता है कि लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक सूझबूझ और रणनीति अब भी बेमिसाल है और वे बिहार की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- 2025 चुनाव से पहले लालू यादव की नई रणनीति
- MY से MK पॉलिटिक्स की ओर रुख
- 2 दिग्गजों को मिली बड़ी जिम्मेदारी
Source : News State Bihar Jharkhand