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फिर बढ़ने वाली हैं लालू-तेजस्वी की मुश्किलें! 13 सितंबर को अदालत ले सकती है संज्ञान

Land for Job Scam: 13 सितंबर को दिल्ली की एक अदालत लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव तथा आठ अन्य के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी घोटाले में पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लेगी. यह मामला 2004-2009 की रेलवे भर्तियों से जुड़ा है.

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Ritu Sharma
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Land for Job Scam

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Land for Job Scam: दिल्ली की एक अदालत पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सहित अन्य आठ लोगों के खिलाफ चल रहे 'नौकरी के बदले जमीन' घोटाले के पूरक आरोपपत्र पर 13 सितंबर को संज्ञान लेने वाली है. इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत में हो रही है, जिन्होंने शनिवार को सुनवाई को अगले सप्ताह तक स्थगित कर दिया. अदालत ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से अब किसी और स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है.

'नौकरी के बदले जमीन' घोटाला, क्या है मामला?

आपको बता दें कि यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए हुए कथित तौर पर रेलवे की ग्रुप-डी भर्तियों में अनियमितताओं से जुड़ा है. ईडी का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर उभरा था. आरोप है कि इस अवधि के दौरान जिन लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई, उन्होंने इसके बदले लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों और करीबियों को जमीनें गिफ्ट कीं. खासतौर पर यह मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम-मध्य जोन में हुई भर्तियों से संबंधित है. सीबीआई की जांच में यह भी सामने आया कि नौकरी के बदले दी गई जमीनें बेहद कम कीमतों पर ट्रांसफर की गई थीं, जिससे आरोपियों को वित्तीय लाभ मिला.

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अदालत की कार्यवाही और ईडी की भूमिका

वहीं ईडी ने 6 अगस्त को अदालत के समक्ष अपनी अंतिम रिपोर्ट दाखिल की थी, जो सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित है. अदालत ने ईडी को सह-आरोपी लल्लन चौधरी का मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था. 6 अगस्त को दायर पूरक आरोपपत्र में ईडी ने लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य आठ लोगों को आरोपित किया था. इसमें यह भी उल्लेख किया गया कि लल्लन चौधरी की पत्नी ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट पेश की है.

13 सितंबर को अदालत का फैसला

इसके अलावा आपको बता दें कि विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने 7 सितंबर को अभियोजन पक्ष द्वारा दाखिल शिकायत पर आदेश टाल दिया था, क्योंकि कुछ स्पष्टीकरण की आवश्यकता थी. अब अदालत इस पूरक आरोपपत्र पर 13 सितंबर को संज्ञान ले सकती है. ईडी और सीबीआई दोनों ने अपने-अपने आरोपपत्रों में लालू और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनका अदालत में परीक्षण होना बाकी है.

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