Bihar Politics News: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भाजपा के दो उपमुख्यमंत्री भी हैं. राज्य के विकास कार्यों, शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रमों से संबंधित सरकारी विज्ञापनों में दोनों उपमुख्यमंत्रियों के नाम आम तौर पर शामिल होते हैं, लेकिन हाल के कुछ विज्ञापनों और पोस्टरों में एक अनोखी प्रवृत्ति देखी गई है, जहां कभी एक उपमुख्यमंत्री का नाम गायब हो जाता है तो कभी दूसरे के नाम के साथ ऐसा होता है. इस प्रवृत्ति ने राजनीतिक हलकों में सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या यह एक साधारण गलती है या जानबूझकर की गई राजनीति है.
विजय सिन्हा का नाम गायब
आपको बता दें कि हाल ही में भागलपुर में 200 बेड के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के उद्घाटन को लेकर प्रकाशित सरकारी विज्ञापन में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का नाम गायब था. दिलचस्प बात यह है कि भागलपुर, सिन्हा के विधानसभा क्षेत्र लखीसराय से जुड़ा हुआ है और इस क्षेत्र में इस तरह की घटना उनकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचा सकती है. यह मामला तब और गंभीर हो गया जब 29 अगस्त को खेल विश्वविद्यालय एवं खेल अकादमी के उद्घाटन के विज्ञापन से भी विजय सिन्हा का नाम हटा दिया गया था. उस विज्ञापन में सिर्फ दूसरे उपमुख्यमंत्री, सम्राट चौधरी का नाम प्रमुखता से दिख रहा था. दो लगातार विज्ञापनों में विजय सिन्हा के नाम की अनुपस्थिति से राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है.
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सम्राट चौधरी का नाम भी हुआ था गायब
वहीं आपको बता दें कि यह घटना सिर्फ विजय सिन्हा तक सीमित नहीं है. 10 जुलाई को जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेपी गंगा पथ के एक हिस्से का उद्घाटन किया, उस कार्यक्रम के लिए जारी विज्ञापन और आमंत्रण पत्रों से सम्राट चौधरी का नाम हटा दिया गया था. उस विज्ञापन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का नाम था, लेकिन सम्राट चौधरी का कहीं भी उल्लेख नहीं था.
बिहार की राजनीति पर असर
इसके अलावा आपको बता दें कि दोनों उपमुख्यमंत्रियों के नामों का विज्ञापनों से गायब होना केवल एक संयोग है या इसके पीछे कुछ राजनीतिक कारण छिपे हैं, जो कि स्पष्ट नहीं है. लेकिन यह घटनाएं यह इशारा करती हैं कि बिहार की मौजूदा राजनीति में कुछ न कुछ गहरे समीकरण चल रहे हैं. चाहे ये अधिकारियों की चूक हो या राजनीतिक मनमानी, इसका असर जरूर दिखाई दे रहा है. खासकर जब ये घटनाएं किसी विशिष्ट विधानसभा क्षेत्र या प्रमुख कार्यक्रमों से जुड़ी होती हैं.