बंगला गया, राज्यसभा की सदस्यता जाएगी और फिर केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी...कभी बिहार की सत्ता के केंद्र बिंदु माने जाने वाले और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह इन दिनों जेडीयू में हाशिए पर चले गए हैं। आरसीपी सिंह का राज्यसभा टिकट पार्टी ने काट कर झारखंड के जद यू प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो को दे दिया, 7 जुलाई को आरसीपी सिंह का राज्यसभा कार्यकाल खत्म हो रहा है और इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना होगा। आरसीपी सिंह का सरकारी बंगला जो एमएलसी संजय गांधी के नाम पर था वो भी मुख्य सचिव को आवंटित हो गया और उस पर पार्टी के नेताओं का केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की नसीहत,ऐसे में आरसीपी सिंह का नेता और पार्टी से लगता है मोहभंग हो चला है...
कैसे भड़के केंद्रीय मंत्री आरसीपी ::
एक कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह जमुई पहुंचे थे... कार्यक्रम के बाद जब वो गाड़ी में बैठ निकलने लगे तो पत्रकारों ने उन्हें रोक उनसे सवाल करने शुरू किए,मगर सवालों का जवाब भी वो मीडिया से ही जानना चाहते थे... पहले सवाल पर कि जेडीयू में ऑल इज वेल है या नहीं कहा कि जब राजनीति दौरे पर आएंगे तो जवाब देंगे।
फिर सवाल कि आप जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष होगें इस पर भी कुछ नहीं कहा। ये पूछे जाने पर कि आप जेडीयू में हैं कि नहीं तो कहा आपको पता हैं न, उन्होंने कहा कि मुझे भी पता नहीं वो जेडीयू में हैं या नहीं। बंगला खाली कराने के सवाल पर कहा कि वो संजय गांधी के घर में रहते थे और उनका घर मुस्तफापुर मालती है। मगर असल गुस्सा तो तब चढ़ा जब उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हनुमान के रूप में जाने जानेवाले चिराग पासवान से तुलना किया गया,उनसे पूछा गया कि नीतीश कुमार के वे भी हनुमान कहे जाते थे,तो वो भड़क गए.
उन्होंने कहा ," मैं हनुमान नही हूँ मेरा नाम रामचन्द्र है,इसको सुधार लीजिए मैं किसी का हनुमान नही हूँ,मेरा नाम रामचन्द्र है" नीतीश कुमार से बेरुखी पर भी उन्होंने कहा कि आप ज्यादा जानता होंगे। मेरा नाम रामचन्द्र है,ये बस याद रखिये... आरसीपी सिंह कैसे दरकिनार हुए इसका प्रमाण है कि जमुई पहुंचे केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के साथ तो न तो जमुई के जिलाध्यक्ष नजर आए और न ही जमुई जिला में जेडीयू के एक मात्र झाझा से विधायक दामोदर रावत।
Source : Rajnish Sinha