26 जनवरी को एक तरफ जहां दिल्ली के राजपथ पर पूरी दुनिया भारत की ताकत को देख रहा था. वहीं दूसरी तरफ देश की राजधानी में किसान और जवान के बीच खूनी संघर्ष हो रहा था. किसान का ट्रैक्टर मार्च अचानक हिंसक आंदोलन में परिवर्तित हो गया. जगह-जगह किसान और पुलिस के बीच भिंड़त की खबर सामने आ रही थी. दिल्ली में हुए इस विरोध प्रदर्शन का देशभर में कड़ा विरोध किया गया है. वहीं इस हिंसक आंदोलन के बाद सियासी नेताओं की बीच भी बहसबाजी शुरू हो गई.
आरजेडी (RJD) प्रवक्ता शक्ति यादव ने न्यूज नेशन से बातचीत में कहा कि कल की घटना से हम आहत है मगर ये उकसावे की घटना है. बीजेपी ने घटना के लिए मजबूर किया. पुलिस आंदोलनकारियों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया है. इन्हें मजबूर किया गया, ये दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति है.
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वहीं बीजेपी सांसद और बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने कहा कि कल की घटना दुर्भाग्यपूर्ण, जिन्होंने इस बात की लिखित गारंटी दी कि कैसे मार्च होगा. उन्होंने साजिश के तहत ये सब किये,देश की जनमानस को धक्का लगा है. अब इनसे कोई बात नहीं करेगा, हर हालत मेंअब होनी चाहिए. अब करवाई।किसान नेता एक्सपोज हुए हैं.
बता दें कि मंगलवार को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हुई हिंसा के मामले में पुलिस की ओर से कुल सात एफआईआर दर्ज की गई है. 4 ईस्टर्न रेंज, एक द्वारका के बाबा हरिदास नगर पुलिस स्टेशन, एक नजफगढ़, एक उत्तम नगर में दर्ज की गई है. दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 4 और FIR दर्ज किए हैं. इनमें से एक पांडव नगर, दो गाजीपुर थाने और एक सीमापुरी थाने में दर्ज की गई है. प्रदर्शनकारियों पर 8 बसें, 17 गाड़ियां, 4 कंटेनर और 300 से ज्यादा बैरिकेड तोड़ने के आरोप हैं.
Source : News Nation Bureau