बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने है लेकिन उससे पहले ही नीतीश सरकार के काम 'पुल' के रूप में भराभर कर धाराशयी हो रहे हैं. पटना में पुल गिरे हुए ज्यादा समय भी नहीं बीता की अब एक बार फिर ऐसी घटना सामने आई. बिहार के गोपालगंज में पुल का अप्रोच रोड का उद्घाटन से पहले ही भरभराकर टूटकर गिर पड़ा. बता दें कि गोपालगंज में स्थित इस बंगरा घाट महासेतु का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को उद्घाटन करने वाले थे. लेकिन उससे पहले ही पुल 50 मीटर के दायरे में ध्वस्त हो गया.
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इस घटना के बाद प्रशासन अलर्ट हो गई है और पुल को एक बार फिर से ठीक करने की कवायद में जुट गई है. वहीं बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के आला पदाधिकारी से लेकर संवेदक भी मौके पर मौजूद रहे. उद्घाटन से पहले ध्वस्त हुए इस पुल को दुरुस्त करने के लिए सैकड़ों की संख्या में मजदूर और जेसीबी लगाए गए हैं. पुल टूटने का कारण बताया जा रहा है की गोपालगंज के बैकुंठपुर में 7 जगहों पर सारण बांध टूटा था. इसी बांध के टूटने के बाद बंगरा घाट महासेतु से करीब 5 किलोमीटर दूर अप्रोच पथ पानी के दबाव से अचानक ध्वस्त हो गया.
वहीं बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के डिप्टी चीफ इंजिनियर के मुताबिक, महासेतु के निर्माण और इसके साथ अप्रोच पथ के निर्माण में किसी भी तरह का घटिया काम नहीं किया गया है. सभी कार्य गुणवत्ता के मानक के अनुरूप किए गए हैं और सीएम के उद्घाटन समारोह से पहले इसे दुरुस्त कर लिया जायेगा.
बता दें कि बंगरा घाट महासेतु के छपरा साइड में करीब 11 किलोमीटर और मुजफ्फरपुर साइड में 8 किलोमीटर लम्बा अप्रोच पथ का निर्माण किया गया है जिस पर करीब 509 करोड़ रूपये खर्च किये गए है. लेकिन उद्घाटन से पहले ही इसका टूटना इसकी गुणवता पर कई सवाल उठाता हैं. पुल का अभी से ये हाल है तो बाद में इसका क्या अंजाम होगा ये सोचना भी डरावना है. प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.
गौरतलब है कि इससे पहले भी गोपालगंज में एक पुल के उद्घाटन के 29 दिन बाद उसका अप्रोच रोड ध्वस्त हो गया था. इस पुल का निर्माण 264 करोड़ की लागत से हुआ था. इस पुल के टूटने पर विपक्ष ने जमकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा था. गंडक नदी के बढ़े जलस्तर और पानी के दबाव की वजह से सत्तरघाट महासेतु का एप्रोच रोड ढह गया था.