बिहार से बड़ी खबर सामने आ रही है. प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने गुरुवार को नियोजित शिक्षकों पर बात करते हुए कहा कि हमने नियोजित शिक्षकों को धैर्य रखने को कहा है और नीतीश सरकार उनका ख्याल रखेगी. जिसके बाद कुछ शिक्षक संगठनों ने आंदोलन को स्थगित कर दिया है क्योंकि उनकी जो परेशानियां थी कि सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन ना होकर ऑफलाइन हो. बता दें कि बहुत से शिक्षकों को कंप्यूटर की जानकारी नहीं है, जिस वजह से उन्हें ऑनलाइन परीक्षा देने में दिक्कत थी. इसे लेकर नियोजित शिक्षकों ने ऑफलाइन यानि लिखित परीक्षा की मांग की थी.
जिस पर विजय चौधरी ने कहा कि हमलोग यह निर्णय ले रहे हैं कि जो भी नियोजित शिक्षक ऑनलाइन परीक्षा नहीं देना चाहते हैं, उनका ध्यान रखते हुए अभी जो 3 परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही है, उसके अलावा दो ऑफलाइन परीक्षा भी ली जाएगी ताकि शिक्षकों को 5 अवसर मिल सके. इसके साथ ही शिक्षकों से यह भी अपील किया कि वह अध्यापन में रूचि लें.
जानें नियोजित शिक्षकों की मांग-
बिहार के सरकारी स्कूलों के नियोजित शिक्षक मंगलवार की सुबह हजारों की तादाद में पटना पहुंचे और गर्दनीबाग में प्रदर्शन शुरू कर दिया. जिसके बाद विधानसभा का भी नियोजित शिक्षकों ने घेराव किया. नियोजित शिक्षकों की मांग है कि बिना शर्त उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाए और इसके लिए किसी प्रकार की कोई परीक्षा ना ली जाए. जबकि शिक्षा विभाग की ओर से पहले ही आदेश जारी कर दिया गया था कि नियोजित शिक्षकों को समक्षता परीक्षा पास करनी पड़ेगी. जो भी शिक्षक इस परीक्षा में सफल होंगे, उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा और उनकी नौकरी पर्मानेंट हो जाएगी.
इसके अलावा जो भी शिक्षक इस परीक्षा में असफल होंगे, उनकी नौकरी चली जाएगी. इस परीक्षा में सफल होने के लिए शिक्षकों को तीन मौका दिया जाएगा. वहीं, शिक्षा विभाग के इस आदेश को नियोजित शिक्षक मानने को तैयार नहीं है. बता दें कि बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या करीब 4 लाख है. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने साफ कर दिया है कि नियोजित शिक्षकों को दो बार ऑफलाइन परीक्षा देनी पड़ेगी. वहीं, नियोजित शिक्षकों की एक मान को बिहार सरकार ने मान ली है.
HIGHLIGHTS
- नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी
- नीतीश सरकार ने मानी मांग
- जानें नियोजित शिक्षकों की मांग
Source : News State Bihar Jharkhand