बिहार के समस्तीपुर में जन वितरण प्रणाली के नए अनुज्ञप्ति के वितरण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है. इस बात पर अभ्यर्थियों ने डीएम से मिलकर शिकायत की है. पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि पीडीएस अनुज्ञति के लिए 2017 में आवेदन किया था. लेकिन फरवरी 2019 में उनका चयन किया गया. काउंसिलिंग के बाद मार्च महीने में उन्होंने लाइसेंस के लिए चालान के माध्यम से 1000 रूपये भी जमा करा दिए. लेकिन अब तक उन्हें लाइसेंस नहीं दिए गए.
लाइसेंस के लिए वह लगातार कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन वैसे उम्मीदवार जो ऑफिस के माध्यम से डेढ़ से दो लाख दे रहे हैं. उन्हें तो लाइसेंस दे दिया गया लेकिन जो योग्य हैं और पैसे देने में असमर्थ हैं उन्हें कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है.
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अभियार्थियों ने बताया इसको लेकर कई बार जिलाधिकारी से भी शिकायत कर चुके हैं. उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है. पीड़ित अभ्यर्थी का कहना है कि सुशासन की सरकार में भ्रष्टाचार व्याप्त है यहां कमजोर तबके के व्यक्तियों को दबाने की कोशिश की जा रही है. डीएसओ, एडीएसो और कार्यलय के लिपिक पूरी मनमानी कर रहे है. इसकी शिकायत करने वाले अभ्यर्थियों को धमकी तक दी जा रही है. इस मामले में डीएसओ ने ऑन कैमरा कुछ भी बोलने के बजाय कैमरा बंद करने की नसीहत दे डाली. वहीं डीएम जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
Source : Rajeev Kumar Sinha