बिहार में नक्सलियों का आतंकी कनेक्शन सामने आया है. नवादा के रतनपुर जंगल में नक्सलियों की मुठभेड़ के बाद बरामद खोखे और कारतूस ने पुलिस और सुरक्षा बल को सकते में डाल दिया है. सर्च अभियान में जो कारतूस मिले हैं उनपर उर्दू में लिखावट है और ऐसा माना जा रहा है कि इसका कनेक्शन देश के बाहर जुड़ा है. मतलब नक्सलियों के तार आतंकियों के जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है.
दरअसल शनिवार (26 जनवरी) को रतनपुर जंगल में उस जगह पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था, जहां 24 जनवरी को नक्सलियों के साथ सुरक्षा बल की मुठभेड़ हुई थी. करीब 3 घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन में 7 खोखे बरामद किए गए थे. जिस जगह पर मुठभेड़ में मारे गए नक्सली का शव बरामद हुआ, उससे पांच सौ मीटर ऊपर से यह खोखा बरामद किया गया है.
पुलिस का मानना है कि उस जगह पर हार्डकोर नक्सली प्रद्युम्न शर्मा अपने अन्य साथियों के साथ मौजूद था, जबकि 5 सौ मीटर नीचे कुछ नक्सली उसकी सुरक्षा में खड़े थे. सूत्र बताते हैं कि कुछ महीने पहले नक्सली संगठन की उच्चस्तरीय बैठक में भाग लेने प्रद्युम्न आंध्र प्रदेश गया था. वहां कई दिनों तक रहकर रणनीति तैयार करने के बाद वापस लौटा है. आंध्र प्रदेश के शीर्षस्थ नक्सली कमांडरों के आतंकी संगठन से भी नाते की बात सामने आती रही है. इसलिए इस आशंका को बल मिल रहा है कि प्रद्युम्न को भी आतंकी संगठन ने हथियार और कारतूस मुहैया करा सकते हैं.
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नवादा के एएसपी अभियान कुमार आलोक का भी मानना है कि हो सकता है नक्सलियों को सीमा पार से हथियार की सप्लाई की जा रही हो. बरामद खोखा इस तरफ इशारा कर रही है कि नक्सलियों का आईएसआई कनेक्शन हो सकता है. उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में कारतूस का एक खोखा बरामद हुआ है, जिस पर उर्दू में कुछ शब्द अंकित है इसके साथ ही अंग्रेजी में नबंर अंकित है. जिससे कारतूस बनाने वाली कंपनी और निर्माण के साल का पता चलता है. यह खोखा एके-47 का बताया जा रहा है.
फिलहाल इस मामले में जांच जारी है, मगर आतंकी संगठनों से इस मामले में एक नए कनेक्शन की संभावनाओं ने सरकार के लिए चिंता बढ़ा दी है.
Source : News Nation Bureau