बिहार में नीतीश कुमार सरकार में लगता है सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. सीएम नीतीस के मंत्री अफसरों से नाराज दिखाई दे रहे हैं या सरकार अफसरों से कह रखी है कि आप इन मंत्रियों की केवल सुनेंगे. कुछ इसी तरह की अपनी पीड़ा को मीडिया के सामने बयां किया बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने, उन्होंने लगाया आरोप की अधिकारियों से वह परेशान हैं. अब हमने तय कर लिया है कि इस्तीफा दे देंगे. पार्टी में रहेंगे, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में रहेंगे लेकिन मंत्रिमंडल से इस्तीफा देंगे. चपरासी नहीं सुनता है, अधिकारी छोड़ दीजिए. अधिकारियों के मनमानी से परेशान हैं.
मदन सहनी ने कहा है कि उनके विभाग में अधिकारियों का राज चल रहा है. अब उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है. मदन सहनी ने अपने विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि उनको इतने बड़े बंगले और गाड़ियों के काफिले की कोई जरूरत नहीं है.
मदन साहनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम लोग बरसों से तानाशाही झेल रहे हैं, यातना झेल रहे हैं लेकिन अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है. साहनी ने कहा कि इसलिए अब हमने मन बना लिया है कि हम अब इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने आगे कहा कि जब हम किसी का भला नहीं कर सकते है तो हम केवल सुविधा लेने के लिए नहीं बैठे हैं. पार्टी से इस्तीफा देने के सवाल पर सहानी ने कहा कि पार्टी में बने रहेंगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में भी रहेंगे.
माना जा रहा है कि समाज कल्याण विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर मंत्री मदन सहनी और प्रधान सचिव के बीच विवाद हुआ था. जून के महीने में विभागों को अपने स्तर पर ट्रांसफर करने की छूट होती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने नियमों को ताक पर रख कर ट्रांसफर करने की कवायद शुरू की थी, लेकिन प्रधान सचिव ने नियम खिलाफ ट्रांसफर करने से इंकार कर दिया था. मंत्री और सचिव की लड़ाई में विभाग में ट्रांसफर ही नहीं हो पाया.
HIGHLIGHTS
- समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने की इस्तीफे की पेशकश
- कहा- अधिकारी की कौन कहे... चपरासी भी नहीं सुनता
- विभाग में अधिकारियों का राज चल रहा है