बिहार के चर्चित सृजन घोटाले में सीबीआई ने चौथी चार्जशीट दाखिल कर दी है जिसमें 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इससे पहले सीबीआई ने इस घोटाले में 12 आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 9 नवंबर को आरोप पत्र दाखिल किया था।
इस मामले में सीबीआई पहले चार्जशीट में सृजन संस्था की संस्थापिका मनोरमा देवी को भी आरोपी बना चुकी है। हालांकि मनोरम देवी की मृत्यु हो चुकी है।
इससे पहले 700 करोड़ रुपये के सृजन घोटाले में सीबीआई ने सृजन महिला विकास समिति (भागलपुर) और डायरेक्टर और इसके साथ ही बैंक ऑफ बड़ौदा (सहरसा) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
बिहार भागलपुर की एक स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ) सृजन महिला विकास सहयोग समिति के बैंक खाते में सरकारी योजनाओं के पैसे रखे जाते थे, जिसका उपयोग संस्था द्वारा अपने व्यक्तिगत कार्यो में किया जाता था।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि यह गोरखधंधा वर्ष 2009 से ही चल रहा था। तब सुशील कुमार मोदी बिहार में वित्त मंत्री थे।
भागलपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि इस फर्जीवाड़े का खुलासा तीन अगस्त को 10 करोड़ रुपये के एक सरकारी चेक के बाउंस होने के बाद आया।
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पुलिस का मानना है कि भागलपुर का सृजल घोटाला करीब 650 करोड़ का है। वहीं विपक्षी दल आरजेडी का दावा है कि यह 2000 करोड़ रुपये का घोटाला है।
क्या है सृजन घोटाला
भागलपुर के सृजन एनजीओ के जरिए नेताओं, सरकारी विभागों, बड़े अधिकारियों के बीच सरकारी योजनाओं के पैसे का कई सालों से बंदरबांट चल रहा था। इसका खुलासा तब हुआ जब नोटबंदी के बाद एक के बाद एक कई चेक के बाउंस होने का सिलसिला शुरू हो गया।
इस घोटाले में बिहार सरकार के मंत्रियों भागलपुर जिला प्रशासन अधिकारियों, बैंक कर्मियों और सृजन के सदस्यों के शामिल होने का आरोप है।
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HIGHLIGHTS
- सृजन घोटाले में सीबीआई ने चौथी चार्ज शीट दाखिल की
- भागलपुर के सृजन घोटाले में करीब 700 करोड़ रुपये की हुई है हेराफेरी
Source : News Nation Bureau