Chhapra Violence News: बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान छपरा में वोटिंग के बाद बीजेपी और राजद समर्थकों के बीच हुई चुनावी हिंसा ने एक बार फिर पुराने दिनों की यादें ताजा कर दी है. एक दशक पहले तक बिहार में चुनावी हिंसा और बूथ लूट की चर्चा पूरे देश में होती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों से चुनाव आयोग और प्रशासन की कोशिशों के बाद बिहार में चुनावी हिंसा पूरी तरह से बंद हो गई है. वहीं सारण संसदीय क्षेत्र की भी चर्चा हर बार पूरे देश में होती है. इस चुनाव में सारण की भी चर्चा रही, क्योंकि यहां से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य और निवर्तमान बीजेपी सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी चुनावी मैदान में हैं.
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लालू ने कर रखा था कैंप
आपको बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने अपनी लाडली बेटी डॉ. रोहिणी आचार्य को जिताने के लिए छपरा में कैंप किया था. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के वरीय नेताओं के चुनावी दौरे के बाद सारण संसदीय क्षेत्र हाईप्रोफाइल हो गया था. बता दें कि राजद की ओर से लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कमान संभाले हुए थे. इनके अलावा राजद के सभी वरिष्ठ नेता गांव-गांव में चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. 20 मई को चुनाव खत्म होने के बाद प्रशासन ने भी राहत की सांस ली, लेकिन 21 मई की सुबह प्रशासन के लिए दुखद खबर लेकर आई. वहीं 20 मई को एक मतदान केंद्र पर राजद प्रत्याशी डॉ रोहिणी आचार्य के साथ हुआ विवाद हत्या तक पहुंच गया. सारण में चुनावी हिंसा के कारण सभी मतदान केंद्रों पर इससे पहले चुनाव रद्द करना पड़ा था.
2004 में रूडी ने की बूथ लूट की शिकायत
वहीं आपको बता दें कि साल 2004 में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे निवर्तमान बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने चुनाव आयोग में बूथ लूटने की शिकायत की थी, जिसके बाद सभी मतदान केंद्रों पर दोबारा चुनाव कराया गया और चुनाव आयुक्त केजे राव खुद जांच करने के लिए छपरा गये. इसके बाद से सारण जिले में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद बूथ लूट और हिंसा पूरी तरह से बंद हो गयी थी, लेकिन छपरा में मतदान के बाद हुई हत्या ने सारण संसदीय क्षेत्र को एक बार फिर देश भर में सुर्खियों में ला दिया है.
इसके अलावा आपको बता दें कि सारण संसदीय क्षेत्र में जुबानी जंग ने हिंसा का रूप ले लिया. पिछले चार चरणों के चुनाव में बिहार में कहीं से भी हिंसा की कोई खबर नहीं आयी. कुछ दशक पहले तक बिहार में चुनाव और हिंसा के बीच गहरा रिश्ता था. यहां बिना हिंसा के चुनाव नहीं होते थे, इसमें सारण जिला भी शामिल था, लेकिन चुनाव आयुक्त टीएन शेषन और केजे राव ने सारण समेत पूरे बिहार में चुनावी हिंसा और बूथ लूट पर पूरी तरह से रोक लगाकर तस्वीर बदल दी थी.
HIGHLIGHTS
- छपरा के चुनावी हिंसा से लोगों को याद आए पुराने दिन
- फिर एक बार सुर्खियों में सारण संसदीय क्षेत्र
- 2004 में रूडी ने की बूथ लूट की शिकायत
Source : News State Bihar Jharkhand