Youth Suicide In Jehanabad: जहानाबाद जिले के कड़ौना थाना क्षेत्र के चमनबिगहा गांव में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां मां-बाप के जेल जाने से दुखी होकर एक युवक ने डिप्रेशन में आकर अपनी जान दे दी. मृतक युवक धर्मेन्द्र कुमार, जो दुखन दास का पुत्र था, ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है और इस मामले की गहन जांच कर रही है.
माता-पिता के जेल जाने का गहरा असर
यह घटना तब घटित हुई जब धर्मेन्द्र कुमार का भाई, डुडु कुमार, गांव की एक लड़की के साथ प्रेम प्रसंग में लिप्त था. कुछ दिन पहले लड़की और डुडु कुमार घर से भाग गए थे, जिसके बाद लड़की के पिता ने डुडु कुमार और उसके माता-पिता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने डुडु कुमार और उसके माता-पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. माता-पिता के जेल जाने का गहरा असर धर्मेन्द्र कुमार पर पड़ा और वह डिप्रेशन में चला गया. अंततः, इसी मानसिक तनाव ने उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया.
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पंचायत और पुलिस की भूमिका पर सवाल
आपको बता दें कि इस घटना के पीछे की कहानी और भी पेचीदा है. बताया जा रहा है कि पहले भी लड़की और डुडु कुमार के बीच प्रेम संबंध की वजह से दोनों भाग चुके थे, जिसके बाद गांव में पंचायत बुलाई गई थी. पंचायत के फैसले के तहत दोनों को उनके-अपने घर भेज दिया गया था. हालांकि, इस घटना के दस दिन बाद फिर से दोनों फरार हो गए, जिससे लड़की के पिता ने मामला दर्ज करवा दिया. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी डुडु कुमार और उसके माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया.
वहीं इस बीच, परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मृतक के परिजन फेकन दास का कहना है कि कड़ौना थाने में कार्यरत एक दारोगा हरिहर दास ने पुलिस कार्रवाई को रफा-दफा करने के लिए 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी. जब यह गरीब परिवार पैसे नहीं दे सका, तो पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए माता-पिता को जेल भेज दिया. इसी कारण धर्मेन्द्र कुमार मानसिक तनाव में आ गया और अंततः फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
पुलिस जांच में जुटी पर बयान देने से कतरा रही
बता दें कि घटना की जानकारी मिलते ही कढ़ौना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. पुलिस इस मामले में जांच कर रही है, लेकिन पुलिस अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बच रहे हैं. एसडीपीओ राजीव कुमार सिंह ने ऑफ कैमरा बताया कि इस मामले में यूडी केस दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है. जांच पूरी होने के बाद ही पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.
पारिवारिक संकट का दुखद अंत
इसके अलावा आपको बता दें कि यह घटना दर्शाती है कि कैसे एक पारिवारिक संकट ने एक युवा की जान ले ली. पुलिस पर लगाए गए आरोप और रिश्वत की मांग से यह सवाल उठता है कि क्या न्याय व्यवस्था वास्तव में गरीब और कमजोर लोगों के साथ न्याय कर पा रही है. इस दुखद घटना ने एक बार फिर से समाज और प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया है.