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बिहार में मौसम का कहर जारी, बिजली गिरने से 24 घंटे में 12 लोगों की मौत

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वज्रपात से हुई इन मौतों पर गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं. उन्होंने प्रत्येक पीड़ित को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया.

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Ritu Sharma
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आकाशीय बिजली( Photo Credit : Newsstate Bihar Jharkhand)

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Bihar 12 People Died from Lightning: बिहार में मानसून के आगमन के साथ ही बारिश ने कई जिलों में अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इस बीच, आसमान से गिरती बिजली ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में भयावह स्थिति उत्पन्न कर दी है. सोमवार (08 जुलाई) की शाम तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटे में बिहार के सात जिलों में वज्रपात की चपेट में आने से 12 लोगों की मौत हो गई है.

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जुलाई में वज्रपात से हो चुकी है 42 मौतें

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 1 जुलाई से अब तक आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 42 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें से 10 लोगों की मौत रविवार को हुई थी, जबकि नौ लोगों की मृत्यु शनिवार को हुई थी. यह आंकड़ा राज्य में वज्रपात की भयावहता को दर्शाता है.

पिछले 24 घंटे में इन जिलों में हुई मौतें

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, पिछले 24 घंटे में जमुई और कैमूर जिलों में तीन-तीन, रोहतास में दो, सारण, सहरसा, भोजपुर और गोपालगंज में एक-एक व्यक्ति की मौत वज्रपात के कारण हुई है. इन जिलों में वज्रपात ने कई परिवारों को शोक में डाल दिया है.

मुख्यमंत्री की संवेदना और राहत उपाय

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वज्रपात से हुई इन मौतों पर गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि इस आपदा की घड़ी में वह प्रभावित परिवारों के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही, उन्होंने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम में सतर्कता बरतें और वज्रपात से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सुझावों का पालन करें.

बिहार में वज्रपात का इतिहास

इस साल फरवरी में बजट सत्र के दौरान राज्य विधानसभा में पेश की गई नवीनतम बिहार आर्थिक सर्वेक्षण (2023-24) रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में राज्य में वज्रपात से संबंधित 400 मौतें हुईं. इनमें से सबसे अधिक 46 मौतें गया जिले में हुई थीं. इसके बाद भोजपुर में 23, नवादा और बांका में 21-21, औरंगाबाद में 20 और नालंदा और कैमूर में 18-18 लोगों की जान गई थी. यह आंकड़े राज्य में वज्रपात के खतरनाक प्रभाव को दर्शाते हैं.

वज्रपात से बचाव के उपाय

वज्रपात से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी आवश्यक हैं. खराब मौसम के दौरान घर के अंदर रहना सबसे सुरक्षित उपाय है. अगर आप बाहर हैं, तो किसी ऊंचे स्थान, पेड़ या बिजली के खंभे के नीचे खड़े न हों. खुले मैदान में होने पर अपने शरीर को जितना हो सके छोटा बनाएं और पैरों को आपस में मिलाकर बैठ जाएं. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी सुझावों का पालन कर आप अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं.

नदियों का बढ़ता जलस्तर

आपको बता दें कि भारी बारिश के कारण बिहार की नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. नदियों का उफान पर आना और बरसाती नालों का तेज बहाव, इन दोनों ने मिलकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में दुष्कर स्थिति उत्पन्न कर दी है. इससे कई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है और लोगों की जान-माल की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है.

HIGHLIGHTS

  • बिहार में मौसम का कहर जारी
  • बिजली गिरने से 24 घंटे में 12 लोगों की मौत
  • जुलाई में वज्रपात से हो चुकी है 42 मौतें

Source : News State Bihar Jharkhand

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