पटरी पर लौटने लगी है बिहारी प्रवासी मजदूरों की जिंदगी

कोरोना संकट की वजह से अपना काम धंधा छोड़कर अपने घर वापस लौटे प्रवासी मजदूरों की जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है. दिल्ली के एक कंपनी ने मजदूरों को जहाज से वापस काम पर बुला रही है.

author-image
Shailendra Kumar
New Update
Bihari migrant laborers

बिहारी प्रवासी मजदूर( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

वैशाली के रहने वाले सूरज कुमार उन आठ लोगों के एक समूह में शामिल थे, जो राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की खातिर जय प्रकाश नारायण इंटरनेशल एयरपोर्ट पहुंचे हुए थे. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में जहां काम करते हैं. वहां से उन्हें और बाकी सदस्यों को हवाई टिकट भेजा गया है ताकि वह यहां आकर दोबारा अपना काम शुरू कर सकें, जो कोरोनावायरस महामारी के चलते पिछले कुछ समय से रूका हुआ था. सूरज ने कहा, हम लोगों को निमार्णाधीन आवासीय और कमर्शियल बिल्डिंग में मार्वल पत्थर बिठाने का काम आता है. दिल्ली में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है इसलिए अब हमारे ठेकेदार को काम शुरू कराने के लिए हमारी मदद चाहिए. अभी कुछ ही ट्रेनें चल रही हैं, इस वजह से हमें हवाई टिकट भेजे गए हैं और तीन महीने की एडवांस सैलरी भी दी गई है.

यह भी पढ़ें : इस वजह से 11वीं क्लास के पहले ही दिन सुशांत को हुई थी सजा! 

समूह के एक और सदस्य राम महतो कहते हैं, मार्च में जब लॉकडाउन लगाया था, वह अनुभव हमारे लिए काफी दर्दनाक था. हम दिल्ली में आनंद विहार बस टर्मिनल तक पहुंचने के लिए 35 किमी पैदल चले थे. फिर हम किसी तरह लखनऊ जाने वाली यूपी के एक रोडवेज बस में सवार हुए और दोबारा तीन दिन तक इंतजार करने के बाद वैशाली में अपने गांव तक पहुंचने के लिए हमने गोरखपुर, छपरा और अन्य जिलों में से होकर 650 किलोमीटर पैदल चलने का फैसला किया.

यह भी पढ़ें : कोविड-19 की पाबंदियों के विरोध में जर्मनी उबला, संसद पर कब्जे का प्रयास

वह आगे कहते हैं, जून में जब पहली पहली बार अनलॉक की प्रक्रिया का ऐलान किया गया, तभी से हम नौकरी की तलाश में जुट गए थे. काम की तलाश में हम पटना और मुजफ्फरपुर जैसे शहरों में भी गए. हमें मार्वल बिठाने का काम आता है, लेकिन बावजूद इसके हम मजदूरी तक करने को तैयार हो गए थे, पर काम नहीं मिला. इन्हीं में से एक सुनील कुमार कहते हैं, हमारी किस्मत अच्छी है कि ठेकेदार ने हमसे खुद संपर्क किया है और टिकट भी भेजे हैं. 6,500 रुपये का टिकट खरीदना हमारे बस की बात नहीं है.

यह भी पढ़ें : अब घर बैठे मिलेगा माता वैष्णो देवी का प्रसाद, श्राइन बोर्ड ने शुरू की सुविधा

इस तस्वीर से साफ है कि बिहार के प्रवासी मजदूर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे कई अन्य राज्यों में लौटने लगे हैं और यह अब राज्य के विपक्षी दलों के लिए एक चुनावी मुद्दा बन गया है. विपक्ष के नेता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने रोजगार बढ़ाने में विफलता के चलते नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा है. जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने शुक्रवार को इसी मुद्दे पर जदयू-बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार की आलोचना की.

Source : IANS

Corona in Bihar कोरोना लॉकडाउन Bihar LockDown Bihar corona cases प्रवासी मजदूर bihari migrant laborers
Advertisment
Advertisment
Advertisment