किशनगंज शहर से सटे सिम्मलबाड़ी गांव की रहने वाली रौशनी परवीन एक सामाजिक कार्यकर्ता है. मुस्लिम परिवार में पली बढ़ी रोशनी की शादी उसके गरीब माता पिता ने 14 साल की उम्र में ही करा दी थी. जिस उम्र में बच्चे खेल-कूद और पढ़ाई करते हैं उस उम्र में रोशनी घर गृहस्थी संभालने लगी और गर्भवती भी हो गई. शादी के दो साल बाद ही उसके पति ने उसे तलाक दे दिया. इसके बाद रोशनी के जीवन मे मानो अंधेरा छा गया. लेकिन इस मुसीबतों से रौशनी ने हार नहीं मानी और बाल विवाह के खिलाफ मुहिम छेड़ दी. और सालों बाद अब रौशनी की पहल रंग लाई है जहां उन्हें संयुक्त राष्ट्र की ओर से बुलावा आया है. रोशनी बाल सुरक्षा के मुद्दे पर पिछले सालों से राज्य सरकार के कार्यक्रम, और यूनिसेफ के साथ मिल कर काम कर रही है.
बिहार की बेटी को UN से बुलावा
साल 2018 में रौशनी परवीन बाल सुरक्षा के क्षेत्र में चाइल्ड लाइन से जुड़कर काम करने लगी.
प्रशासन की मदद से रौशनी परवीन अब तक 50 से ज्यादा बाल विवाह का रोक चुकी हैं.
रौशनी ने बाल विवाह को रोकने, ड्रॉप आउट बच्चियों को स्कूलों से जोड़ने में को लेकर भी काम किया.
रौशनी की लड़कियों की शिक्षा और बाल विवाह के खिलाफ की गई कोशिशों को UN ने भी सराहा.
जहां नवंबर में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में होने वाले विश्व युवा सम्मेलन 2023 में रौशनी को बुलाया गया है.
स्विट्जरलैंड के जिनेवा में होने वाले इस सम्मेलन में शामिल होकर रौशनी भाषण देंगी.
रोशनी ने किया बिहार का नाम रौशन
रोशनी समाज की जिन कूरीतियों से लड़ रही थी उसमें अब संयुक्त राष्ट्र का भी साथ मिलेगा. जिले की बेटी को UN से आमंत्रण मिलना किशनगंज के लिए भी गर्व की बात है. दरअसल इस युवा सम्मेलन में पूरी दुनिया से सिर्फ पांच युवाओं का चयन हुआ है और रौशनी भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र प्रतिभागी होंगी. ये समारोह 16 नवंबर 2023 को संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय जिनेवा में आयोजित की जाएगी. जिसका सीधा प्रसारण संयुक्त राष्ट्र संघ से किया जाएगा. रौशनी परवीन समाज के लिए मिसाल पेश कर रही हैं. महिलाओं के अधिकारी और बाल विवाह जैसी कुप्रथा को खत्म करने के लिए की गई उनकी पहल सराहनीय है.
HIGHLIGHTS
- बाल विवाह को खत्म करने के लिए काम कर रही रोशनी
- कभी खुद भी हुई थी इस कुप्रथा का शिकार
- UN के युवा सम्मेलन में शामिल होंगी रोशनी
Source : News State Bihar Jharkhand