जम्मू कश्मीर के पुलवामा में ग्रेनेड हमले में बिहार के लाल की मौत हो गई. दो साल से दूसरे राज्य में रहकर अपने परिवार के लिए पैसे कमा रहा था ताकि अपने परिवार का भरण पोषण कर सके. पुलवामा में रजाई बुनाई का काम करता था. मो. मुमताज की देर रात हमले में मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद पूरा परिवार सदमे में चला गया. उन्हें भरोसा ही नहीं हो रहा कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा. घर का बड़ा बेटा था मो. मुमताज जिस पर पूरा परिवार निर्भर था.
बताया जा रहा है कि, पुलवामा में ग्रेनेड हमले में गुरुवार की देर रात बिहार के सुपौल के पीपरा थाना इलाके के सखुआ परसा गांव निवासी युवक मो. मुमताज की मौत हो गई. देर रात जब परिजनों को इसकी जानकारी मिली तो कोहराम मच गया. मुमताज दो साल पहले घर से कमाने के लिए निकला था. अभी बीते छह महीने पहले ही वह जम्मू कश्मीर गया था. वहां रजाई बुनाई का काम करता था.
मुमताज 8 भाई-बहनों में सबसे बड़ा था. अपनी मां को बचपन में ही खो चुका मुमताज पहले दिल्ली में रहकर मजदूरी करता था फिर पुलवामा चला गया. वहां जाकर रजाई बुनाई का काम करने लगा. मुमताज के पिता की हालत ये खबर सुने के बाद ठीक नहीं है. रो-रोकर बेटे की याद में बेहोश हो रहे थे. पिता का कहना था कि पांच दिन पहले ही उनकी मुमताज से बात हुई थी. मुहर्रम में पैसे भेजने की बात कही थी. अब मेरा बेटा चला गया. अब कौन मेरे परिवार को देखेगा.
इस घटना के बाद सभी लोग मुमताज के पिता और परिवार को समझा रहें है हिम्मत दे रहें है ताकि वो खुद को संभाल सके. वहीं, दूसरी ओर लोगों ने सरकार से आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वहीं, सरकार परिवार की मदद करे जिससे परिवार का गुजर बसर हो सके. क्योंकि घर में कमाने वाला केवल वही था.
मृतक मो. मुमताज के अलावा सुपौल जिले से ही रामपुर के रहने वाले मो. आरिफ और उनके बेटे मो. मजबूल भी इस ग्रेनेड हमले में घायल हैं. उनका इलाज कश्मीर में चल रहा है.
Source : News Nation Bureau