भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई में सब कुछ ठीक ठाक नहीं है। पार्टी के पुराने दिग्गज पार्टी की राज्य इकाई के नवनियुक्त अध्यक्ष के खिलाफ विरोध का बिगुल फूंक रहे हैं।
भाजपा की बिहार इकाई के प्रमुख नित्यानंद राय पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर हैं। उन पर हाल ही में फिर से गठित राज्य कार्यकारी समिति में अन्य नेताओं के आग्रह को अस्वीकार करके केवल अपनी पसंद के पदाधिकारियों को ही नियुक्त करने का आरोप लग रहे हैं।
इन आरोपों के अलावा बिहार की जाति आधारित राजनीति में राय के खिलाफ जाति आधारित आक्रोश भी फूट रहा है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में सबसे प्रबल यादव समुदाय में राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके दो बेटों की बढ़ती लोकप्रियता की काट करने के इरादे से पिछले महीने राय को इस पद के लिए चुना था क्योंकि राय भी यादव हैं।
भाजपा के मीडिया में नजर आने वाले चेहरे और पूर्व महासचिव सुधीर शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ पार्टी नेता सी.पी. ठाकुर और पूर्व मंत्री सुनील कुमार पिंटू ने पार्टी के पदाधिकारियों के रूप में नए अनजान चेहरों को चुनने को लेकर राय की आलोचना की है।
शर्मा और ठाकुर, दोनों भाजपा की पुरानी समर्थक रही सवर्ण भूमिहार जाति से हैं और पिंटू एक अन्य प्रमुख ओबीसी बनिया जाति से हैं जो पारंपरिक रूप से भाजपा समर्थक रही है।
वरिष्ठ पार्टी नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जो पिछले महीने तक राज्य भाजपा इकाई में छाए हुए थे, के करीबी समझे जाने वाले शर्मा ने राय को 'अपराधी' करार दिया है। उन्होंने कहा है कि राय की पृष्ठभूमि संदिग्ध है और माफिया से जुड़ी गतिविधियों से उनका सबंध रहा है।
शर्मा ने नई राज्य कार्यकारिणी और उसके पदाधिकारियों की सूची की भी निंदा करते हुए कहा कि यह किसी प्रमुख राजनीतिक पार्टी की कार्यकारिणी के स्थान पर 'राय का गिरोह' लग रहा है।
एक सशक्त वक्ता के रूप में मशहूर शर्मा ने राय पर भूमिहार विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'वह (राय) कहते रहे हैं कि भूमिहार रावण के वंशज हैं..इससे उनकी मानसिकता का पता लगाया जा सकता है।'
ठाकुर ने कहा कि राय को नई कार्यकारिणी में बदलाव करना चाहिए।
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उन्होंने कहा, 'बदलाव की गुंजाइश है और राय को सभी को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहिए। उनकी कार्यशैली में पार्टी के पुराने नेताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।'
पिंटू ने शुक्रवार को अपनी ही जाति के कई अन्य भाजपा नेताओं के साथ मिलकर पार्टी के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) लाल बाबू प्रसाद को कथित तौर पर लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की एमएलसी के साथ राज्य विधानसभा परिसर में पिछले सप्ताह यौन दुर्व्यवहार करने के मामले में निलंबित करने के विरोध में धरना प्रदर्शन किया।
पिंटू ने यह भी कहा है कि इस महीने बिहार यात्रा पर आ रहे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का घेराव किया जाएगा।
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उन्होंने कहा, 'राय ने लाल बाबू प्रसाद को इसलिए निलंबित कर दिया क्योंकि वह आगे बढ़ते बनिया समुदाय के हैं। हम चुप नहीं बैठेंगे और पार्टी में राय के तानाशाही रवैये की पोल खोलकर रहेंगे।'
वहीं, राय ने इन सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि कुछ लोगों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा बिहार में पहले से भी अधिक सशक्त होकर उभर रही है।
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HIGHLIGHTS
- बिहार इकाई के प्रमुख नित्यानंद राय पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर हैं
- राय की पृष्ठभूमि संदिग्ध है और माफिया से जुड़ी गतिविधियों से उनका सबंध रहा है
- बिहार यात्रा पर आ रहे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का घेराव किया जाएगा
Source : IANS