नंद किशोर यादव छात्र जीवन से ही राजनीति की शुरूआत करने वाले की तारीख में एक सफल भारतीय राजनेता हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय स्वयंसेवक के रूप में समाज की सेवा-यात्रा शुरू करने वाले नंदकिशोर यादव का राजनीतिक सफरनामा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ने के बाद प्रारंभ हुआ. पटना नगर निगम के पार्षद चुने जाने से शुरू हुई उनकी राजनीतिक यात्रा आज इस मुकाम तक पहुंची है. न केवल भारतीय जनता पार्टी बल्कि इसके अनुषांगिक संगठनों के विभिन्न पदों का सफल निर्वहन करते हुए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष तक पहुंचना इनकी कर्तव्यनिष्ठा और कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रियता का प्रमाण है. लगातार छह बार अपने गृह क्षेत्र पूर्वी पटना (बाद में पटना साहिब) विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित हो चुके हैं.
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नंद किशोर यादव का जन्म 26 अगस्त 1953 को हुआ. उनके पिता का नाम स्व. पन्ना लाल यादव और मां का नाम स्व. राजकुमारी यादव हैं. उनके परदादा स्व. झालो सरदार, अपने समय के एक प्रसिद्ध जमीनदार थे. ऐसा कहा जाता है कि उन्हें शेर पालने का शौक था. उनके दादा स्व. रामदास यादव को पंक्षियों का शौक था. नंदकिशोर यादव अक्सर यह कहते है कि हम शेर से चिड़ियों पर आ गये. नन्दकिशोर का पुश्तैनी घर गोलकपुर (महेन्द्रू) में था जहां आज पटना लॉ कॉलेज का छात्रावास अवस्थित है. नंदकिशोर यादव दसवीं के बाद स्नातक की पढ़ाई शुरू की पर बीच में ही छोड़नी पड़ी. छात्र जीवन से ही वे राजनीति में सक्रिय हुए.
Source : News Nation Bureau