बिहार में इन दिनों धर्म को लेकर लड़ाई छिड़ी हुई है. हिन्दू धर्म को लेकर कई विवादित बयान दिए गए हैं. जिसको लेकर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. जहां रामचरितमानस पर ही सवाल उठा गया था. ऐसे में अब बीजेपी एमएलसी संतोष सिंह ने राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और वैसे लोगों पर जमकर हमला बोला है जो हिंदू देवी देवताओं और हिंदू के धर्म ग्रंथों के खिलाफ बयान दे रहे थे. उन्होंने कहा कि किसी के अंदर दम है तो हिंदू देवी देवताओं के अलावा दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ बोल कर दिखाएं तो उनकी अंतिम क्रिया कर्म 3 दिन में ही समाप्त हो जाएगा.
आरजेडी के साथ जाकर नीतीश ने किया गलत
उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार का आरजेडी के साथ जाने का फैसला गलत था. जंगल राज के खिलाफ ही नीतीश कुमार आए थे लेकिन आज उन्होंने उन्हीं के साथ मिलकर सरकार बना ली है. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने लॉ एंड आर्डर के लिए ही उनको सत्ता में लाया था, लेकिन इस बार उनका राजद के साथ जाने का निर्णय बिल्कुल गलत है. हम इसलिए तो कह रहे हैं कि हम उनके शुभचिंतक हैं. इंसान का लिया हुआ निर्णय कभी-कभी गलत भी हो जाता है.
दूसरे धर्मों के बारे में क्यों नहीं बोलते लोग
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि अगर जगदानंद राम मंदिर को नफरत की भूमि कहते हैं तो मैं कहता हूं कि जब राम मंदिर नफरत की भूमि है तो मक्का मदीना क्या है. किसने आपको अधिकार दे दिया किसी के धर्म और पवित्र ग्रंथ पर टीका टिप्पणी करने का, अगर ताकत है जो लोग धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं तो दूसरे धर्मों के बारे में इतना बोलकर देखें, तो हमको नहीं लगता है वह ज्यादा दिन जिंदा भी रह पाएंगे, 3 दिन में ही उनका काम खत्म हो जाएगा.
रामचरितमानस को लेकर शिक्षा मंत्री ने दिया था विवादित बयान
कुछ दिनों पहले ही बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने विवादित बयान दिया था. दरअसल नालंदा खुला विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए रामचरितमानस को समाज को बांटने वाला ग्रंथ बता दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर का नाम लेकर भी इसका उदाहरण दिया और मनु स्मृति, रामचरितमानस और बंच ऑफ थॉट्स नफरत फैलाने वाला बताया था.
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निचली जाति के लोगों को शिक्षा का नहीं था अधिकार - शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री ने कहा था कि मनु स्मृति को जलाने का काम क्यों किया गया, क्योंकि इसमें एक बड़े तबके के खिलाफ अपशब्द कह गए हैं. इस ग्रंथ में अनेकों गालियां दी गई हैं. इस ग्रंथ में निचली जाति के लोगों को शिक्षा से दूर रखने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में निचली जाति के लोगों को शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार नहीं था. उसमें कहा गया है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद जहरीले हो जाते हैं. जैसे कि सांप दूध पीने के बाद हो जाता है.
HIGHLIGHTS
- दम है तो दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ बोल कर दिखाएं - संतोष सिंह
- दूसरे धर्म के खिलाफ बोलने पर 3 दिन में ही काम हो जाएगा खत्म - संतोष सिंह
- आरजेडी के साथ जाने का फैसला नीतीश का था गलत - संतोष सिंह
Source : News State Bihar Jharkhand