पटना जिला प्रशासन ने गुरुवार को लाठीचार्ज की घटना के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. पटना मे बीजेपी के विधानसभा मार्च के दौरान हुए हंगामा, लाठीचार्ज और बीजेपी नेता विजय कुमार सिंह की मौत को लेकर गठित जाँच दल ने अपना प्रतिवेदन जिलाधिकारी को सौंपा है. रिपोर्ट में यह कहा गया है कि बीजेपी को सिर्फ गांधी मैदान में सभा करने की इजाजत दी गई थी मगर अचानक गांधी मैदान से दो दिशा से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता डाकबंगला के तरफ निकले और इन लोगों ने वहां पहुंचकर पुलिसकर्मियों के चेहरे पर मिर्ची पाउडर छिड़कना शुरू कर दिया, जिससे पुलिसकर्मी पीछे हट गए और इस बीच कुछ कार्यकर्ता उग्र होते हुए लाठी डंडा से बैरिकेडिंग के ऊपर चढ़कर पुलिस बल से उलझ गए.
रिपोर्ट में आगे लिखा गया है कि लगातार पदाधिकारियों के मना करने के बावजूद प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग तोड़कर पुलिस वालों से धक्का-मुक्की करते हुए नजर आए . तब दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी के द्वारा उक्त वीर को नाजायज मजमा घोषित कर दिया गया और उन्हें पीछे रखने का आदेश दिया गया. जिला प्रशासन की ओर से कहा गया है कि इस घटना में कई पुलिसकर्मियों को गंभीर चोट आई है जिन का इलाज अस्पताल में कराया गया . ..इस भीड़ में मौजूद लोगों ने पत्थर एवं लाठी-डंडों से पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया इस पत्थरबाजी में आमजन एवं राहगीरों को भी निशाना बनाया जा रहा था, साथी यातायात व्यवस्था को भी पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया गया था जिनके जान माल की हानि एवं विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न होने की स्थिति में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
इस पूरे मामले में कोतवाली थाना अध्यक्ष की ओर से एक एफ.आई.आर. दर्ज कराया गया है जिसमें बीजेपी के 63 नेताओं को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. इसमें शाहनवाज हुसैन, मंगल पांडे तार किशोर प्रसाद, ऋतुराज सिन्हा नितिन नवीन, जीवन कुमार और कई माननीयों के नाम हैं. 7 से 8 हज़ार अज्ञात के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है. FIR में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा का नाम शामिल नहीं है.
HIGHLIGHTS
- बीजेपी नेताओं पर लाठीचार्ज का मामला
- पटना प्रशासन ने बीजेपी नेताओं को बताया दोषी
- गांधी मैदान तक सभा करने की दी गई थी इजाजत
- पुलिसकर्मियों की आंखों में झोंकी गईं लाल मिर्च पाउडर-पटना प्रशासन
Source : News State Bihar Jharkhand