जनसंख्या नियंत्रण ( Population Control ) और जातिगत जनगणना ( caste census ) को लेकर भाजपा और नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) के बीच विरोधाभासी बयानबाजी अब बिहार की राजनीति ( Bihar politics ) में प्रभाव डाल सकती है. सूत्रों के अनुसार भाजपा अब बिहार में नीतीश कुमार को तवज्जों देने को तैयार नहीं है. बताया जा रहा है कि भाजपा ने 2025 के लिए रोडमैप भी तैयार कर लिया है. इस खुलासा बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री ने किया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब जातीय जनगणना के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं. उन्होंने शनिवार को कहा कि हमलोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए. उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की बात कही. वहीं, भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध कर रही है.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, "हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए." वहीं, बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल विभिन्न मुद्दे पर जहां आमने-सामने नजर आ रहे हैं वहीं राजग में शामिल जनता दल (युनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कई मुद्दों पर एकसाथ नजर आ रहे हैं. हालांकि, इस बारे में कोई खुलकर कहने को तैयार नहीं है लेकिन नेताओं के बयान के बीच इसके संकेत मिलने लगे हैं कि राजग और जेडीयू के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. बिहार में अब एक बार फिर सवाल उठने लगा है कि क्या जद (यू) फिर से राजद के साथ गलबहियां करेगी? कहा जा रहा है कि आमतौर किसी भी मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आक्रामक नहीं होते हैं, लेकिन जनसंख्या नियंत्रण तथा जातीय जनगणना को लेकर स्पष्ट तथा भाजपा से अलग राय रखकर इसके स्पष्ट संदेश दे दिए हैं कि जद (यू) अलग राह भी अपना सकती है.
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उत्तर प्रदेश की सरकार ने जब जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाने की बात कही थी तभी नीतीश कुमार ने इस मामले को लेकर खुद मोर्चा संभाला और सामने आकर अपनी राय रखते हुए कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की नहीं बल्कि महिलाओं को शिक्षित करने की जरूरत है. इधर, नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना को लेकर भी केंद्र सरकार से इस मामले को लेकर फिर से विचार करने की नसीहत तक दे डाली. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा, "हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए. बिहार विधान मंडल ने 18 फरवरी 19 एवं पुन: बिहार विधान सभा ने 27 फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया था तथा इसे केन्द्र सरकार को भेजा गया था। केन्द्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए."
HIGHLIGHTS
- बिहार में सत्ताधारी दल जेडीयूू और भाजपा में बढ़ती नजर आ रही दूरी
- जनसंख्या नियंत्रण और जातिगत जनगणना पर दोनों के स्टैंड अलग