राजधानी पटना में गंगा का रौद्र रूप डराने लगा है. नदी की लहरें मानो सब कुछ निगलने को तैयार है. पटना में गंगा नदी पूरे उफान पर है. हालांकि अभी गंगा नदी खतरे के निशान पर नहीं पहुंची है, लेकिन जिस प्रचंड वेग में गंगा नदी बह रही है. उसे देख कहना मुश्किल नहीं कि जल्द ही नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर लेगा. अगर ऐसा हुआ तो एक बार फिर व्यारा इलाकों में तबाही मच सकती है. तटबंध पर बसे गांव जलमग्न हो जाएंगे. लोगों का घर बार उजड़ जाएगा. लोग विस्थापन को मजबूर हो जाएंगे. बिहार में इस बार मानसून ज्यादा सक्रिय नहीं है. बावजूद नदियों के जलस्तर में लगातार बढोतरी हो रही है.
डरा रहा गंगा का रौद्र रूप
राजधानी पटना में भी गंगा नदी शबाब पर है. लेकिन यहां नदी से ज्यादा लापरवाही लोगों को डरा रही है, जहां तेज लहरों के बावजूद भी ओवरलोडेड नावों का परिचालन गंगा में धड़ल्ले से हो रहा है. आप देख सकते हैं कि एक नाव पर खचाखच भीड़ सवार है. देखने में लगता है कि मानों वहां सांस लेने की जगह नहीं होगी और इस ओवरलोडेड नाव को बड़े आराम से गंगा में चलाया जा रहा है. अगर थोड़ी सी भी लापरवाही हुई तो नतीजा कितना भयानक हो सकता है. ये बताने की जरूरत नहीं है.
ओवरलोडेड नावों का नहीं थम रहा परिचालन
इस लापरवाही की सबसे बड़ी वजह प्रशासन की लापरवाही भी है, जो आदेश तो जारी कर देते हैं, लेकिन आदेश का पालन हो रहा है या नहीं इसे सुनिश्चित नहीं करते. इस तरह की तस्वीर तब देखने को मिल रही है. जब आए दिन बिहार के अलग-अलग जिलों से नाव हादसे की खबर सुनने को मिल जाती है. जहां हादसा होता है, वहां कुछ दिनों तक जनप्रतिनिधि और अधिकारी एक्शन में दिखते हैं. समय बीतने के साथ ही सब कुछ पहले जैसा हो जाता है. गंगा में चलने वाले ओवरलोडेड नाव सीधे तौर पर हादसे को दावत देने का काम कर रहे हैं. नदी के बढ़ते जलस्तर के बीच इस तरह की तस्वीर प्रशासन पर सवाल खड़े करती है.
HIGHLIGHTS
- गंगा में उफान, आफत में जान
- डरा रहा गंगा का रौद्र रूप
- प्रचंड वेग से मचा हाहाकार
Source : News State Bihar Jharkhand