बिहार में शराबबंदी हुए 6 साल हो चुके हैं लेकिन उसके बावजूद शराबियों पर रोक नहीं लग सकी है. इतना ही नहीं जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की खबरें भी लगातार सामने आती रहती है. एक बार फिर 2 लोग जहरीली शराब के शिकार हो गए. फिलहाल दोनों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. प्राथमिक उपचार के बाद ही डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति देखते हुए पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया है. मामला नगर थाना क्षेत्र के रामभद्र का है, जहां छठ पूजा में दो चचेरे भाई बाहर से घर आए थे और पूजा के बाद दोनों की वापसी की तैयारी चल रही थी. बाहर जाने से पहले दोनों ने शराब पार्टी का प्लान बनाया, लेकिन बदकिस्मती से ओरिजिनल शराब की जगह जहरीली शराब से सामना हो गया.
जहरीली शराब पीने से दोनों की हालत गंभीर बताई जा रही है. शराब की पर्टी के बाद के बाद जब दोनों घर आए तो थोड़ी देर बाद ही दोनों की हालत बिगड़ने लगी. जिसके बाद दोनों भाई को लेकर परिजन आनन-फानन हाजीपुर सदर अस्पताल पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने काफी देर तक इलाज किया, लेकिन जब हालत में सुधार नहीं हुआ तो पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया. घायलों में राजेश कुमार और प्रदीप कुमार दोनों चचेरे भाई बताए गए हैं. दोनों रामभद्र के रहने वाले हैं और कई साल से दोनों दूसरे प्रदेश में रहकर काम करते हैं.
इस पूरे मामले का खुलासा जहरीली शराब पीने से बीमार हुए राजेश कुमार की पत्नी आरती देवी ने किया है. आरती देवी ने बताया कि दोनों को काम पर बाहर जाना था, जिसकी तैयारी चल रही थी. इसी बीच आहले सुबह ब्रश करने के बाद बाहर निकल गए थे और जब वापस आए तो दोनों ने शराब पी रखी थी. थोड़ी देर बाद ही दोनों की हालत गंभीर होने लगी तो उनको इलाज के लिए सदर अस्पताल भर्ती कराया गया. जहां से पटना रेफर कर दिया गया है. इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि शराबबंदी वाले बिहार में अगर लगातार जहरीली शराब पीने से लोगों के बीमार पड़ने और मरने की बातें सामने आ रही हैं तो क्या शराबबंदी को सफल कहा जा सकता है? बिहार सरकार, पुलिस विभाग, उत्पाद विभाग एंटी लिकर फोर्स सहित तमाम एजेंसियां शराबबंदी को सफल बनाने में लगी हुई है, लेकिन कहीं ना कहीं उन सभी पर शराब माफिया भारी पड़ते नजर आ रहे हैं.
रिपोर्टर- दिवेश कुमार
Source : News State Bihar Jharkhand