बिहार लोक सेवा आयोग ने 64वीं संयुक्त मुख्य परीक्षा में पूछे गए विवादास्पद सवाल पर खेद जताते हुए सवाल सेट करने वाले अफसरों को नोटिस जारी कर उनका नाम ब्लैकलिस्टेड कर दिया है. ब्लैकलिस्ट करने का मतलब यह हुआ कि अब ये अधिकारी बीपीएससी के लिए सवाल सेट नहीं कर पाएंगे.
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बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की रविवार को 64वीं मुख्य परीक्षा में एक ऐसा सवाल पूछा गया, जिसे लेकर आयोग को कड़ी आलोचना का शिकार होना पड़ा. बीपीएससी की परीक्षा में सवाल नंबर 2 के रूप में राज्यपाल की भूमिका को लेकर एक सवाल किया गया था. सवाल था- भारत में राज्य की राजनीति में राज्यपाल की भूमिका का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए, विशेष रूप से बिहार के संदर्भ में. क्या वह केवल एक कठपुतली हैं?
सोशल मीडिया पर इस प्रश्न को लेकर आयोग को ट्रोल किया जा रहा है. कई यूजर्स आयोग की आलोचना कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस प्रश्न से एक संवैधानिक पद की भूमिका पर ही सवाल उठ रहे हैं. वहीं, कई लोग राज्यपाल की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
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12 जुलाई से शुरू हुई थी मुख्य परीक्षाएं
बीपीएससी ने 64वीं मुख्य परीक्षा 12 जुलाई से शुरू की थी. अब तक तीन विषयों की परीक्षा हो चुकी है. इस परीक्षा के लिए 19,109 परीक्षार्थियों ने पीटी पास की थी. सामान्य के 9320, एससी के 2689, एसटी 131, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 3357, पिछड़ा वर्ग के 2138, पिछड़ा महिला 573, विकलांग 570 और स्वतंत्रता सेनानी के 280 रिश्तेदार सफल घोषित किए गए थे.
Source : News Nation Bureau