बिहार एक ऐसा राज्य है जो हर साल बाढ़ की मार झेलता है. सरकार की तरफ से हर साल ये कहा जाता है कि व्यापक इंतजाम किये गए हैं, लेकन इसकी असल सच्चाई कुछ और ही है. कुछ ऐसा ही नजारा मुजफ्फरपुर जिले में देखने को मिल रहा है. जो ये बताने के लिए काफी है कि सरकार ने कितना और कैसा काम किया है. पुल का शिलान्यास तो कर दिया गया, लेकिन 9 साल बीत जाने के बाद भी ये पुल आज तक बनकर तैयार नहीं हुआ है. लोगों की उम्मीद ने भी अब दम तोड़ दिया है.
2014 में हुआ था शिलान्यास
दरअसल, बुढ़ी गंडक नदी पर बन रहा एक ऐसा पुल जो 9 साल में भी पूरा नहीं हो सका है. इस नवनिर्मित पुल की हालात ऐसे है कि पुल पर पीपल और बरगद के पेड़ उग आए हैं. इस पुल का शिलान्यास 2014 में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद किया था. 2016 में इस पुल का निर्माण पूरा कर देना था, लेकिन 9 वर्षों में भी इस पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है . 45 करोड़ की लागत से निर्मित पुल अप्रोच रोड नहीं होने से बेकार पड़ा है. शहर के चन्दवारा घाट से बखरी को जोड़नेवाली सड़क पर इस पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाने से लाखों लोग लाभान्वित होंगे, लेकिन अफसोस की बात है कि अब तक ये नहीं बन पाया है.
लोगों ने मुख्यमंत्री पर लगाया आरोप
अगर ये पुल बन गया तो अखाड़ा घाट पुल पर दबाव कम होगा जिससे जाम जैसी समस्या से लोगों को मुक्ति मिलेगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाने से लोगों को काफी फायदा होगा. वर्तमान में जो लोग 6 किलोमीटर की दूरी तय कर चन्दवारा आते हैं. उन्हें मात्र 500 मीटर की दूरी तय करना होगा. स्थानीय लोगों का आरोप है कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश सरकार की मंशा सही रहती तो ये पुल कब का बन गया होता और हमें इसका लाभ मिल रहा होता.
HIGHLIGHTS
- 9 साल बीत जाने के बाद भी नहीं बना पुल
- पुल पर पीपल और बरगद के उग आए हैं पेड़
- 2014 में हुआ था पुल का शिलान्यास
- लोगों ने मुख्यमंत्री पर लगाया आरोप
Source : News State Bihar Jharkhand