उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब बिहार सरकार भी अवैध निर्माण पर ताबड़तोड़ बुलडोजर चला रही है. एक दो नही बल्कि एक साथ दर्जनों बुलडोजर मकान गिरा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, पटना के राजीव नगर में 400 एकड़ की विवादित जमीन है. पिछले करीब दो दशक से यहां जमीन की लड़ाई चल रही है. बिहार राज्य आवास बोर्ड के अंतर्गत आने वाले इन जमीनों को लेकर सरकार बार-बार इन इलाकों में नोटिस भेजती रही है. कई बार इलाके के लोगों के साथ पुलिस की झड़प हो चुकी है. इससे पहले भी पुलिस इन इलाकों में अवैध निर्माण हटाने के लिए बुलडोजर लेकर पहुंची थी, तो लोगों ने बुलडोजर में आग तक लगा दिया था. लेकिन इस बार भारी पुलिस बल और दर्जनों बुलडोजर एक साथ इन अवैध मकानों पर चल रहे हैं.
नेपाली नगर इलाके में बवाल, पत्थरबाजी
जानकारी के मुताबिक, रविवार की सुबह राजीव नगर के नेपाली नगर इलाके में 40 एकड़ की जमीन खाली कराने प्रशासन पहुंची. आरपीएफ और जिला पुलिस के साथ बड़ी संख्या में अतिरिक्त बल मौजूद थे. जैसे ही ये लोग वहां अतिक्रमण हटाने पहुंचे. लोगों ने पत्थरबाजी और सड़क पर आगजनी कर दी. पुलिस और मीडिया कर्मियों को निशाना बनाया जाने लगा. प्रशासन की कई गाड़ियां छतिग्रस्त हुईं. धीरे-धीरे पुलिस ने घेरेबंदी बढ़ाई. लोग अपने छत पर से ईंट चला रहे थे. पुलिस ने एक-एक करके लोगों को हिरासत में लेना भी शुरू किया. इसके बाद पटना के डीएम और एसएसपी ने इलाके में कैंप कर दिया है.
घरों में कैद रहे लोग, गिराए जाते रहे घर
इस बीच जब पुलिस बल काफी संख्या में पहुंच गई, तो उसके बाद बुलडोजर की कार्रवाई शुरू कर दी गई. एक-एक करके मकान ढहाए जाने लगे. कई मकान अर्द्धनिर्मित तो कई मकान पूरी तरह से तैयार हैं, जिसमें लोग रह रहे थे. अंदर से लोग चिल्ला रहे थे और बाहर से मकानों पर बुलडोजर चलाये जा रहे थे. मकानों की छत पर बुलडोजर का वार और मकान को पूरी तरह से जमींदोज कर दिया जा रहा था. फिलहाल पूरे इलाके में तनाव का माहौल है.
न्यूज नेशन के कैमरे पर लोगों ने सुनाई आपबीती
न्यूज़ नेशन की टीम नेपाली नगर पहुंची, एक तरफ पुलिस की कार्रवाई चल रही थी और दूसरी तरफ न्यूज़ नेशन की टीम उन घरों के अंदर भी पहुंची जहां यह कार्रवाई चल रही थी. उन घरों में रहने वाले लोगों का कहना था कि पिछले 10 साल से हम यहां मकान बना रहे हैं. हमारे गहने तक गिरवी हो गए और अब जब मकान बन कर पूरी तरह से तैयार हो गए तो पुलिस यहां इसे तोड़ने पहुंच गई है. यहां बिजली के खंभे लगे हैं, सड़क बनी हैं, हमारे घर में इलेक्ट्रिक मीटर लगे है. हमें हर तरीके से वैध कनेक्शन दिया गया और अब यह कहा जा रहा है कि आपका रहना अवैध है. अगर जगह अवैध थी, उस वक्त हमें बताना चाहिए था, जब मकान बना रहे थे. पिछले कुछ महीने से अचानक प्रशासन सक्रिय हुआ और लगातार इन मकानों को तोड़ने के लिए नोटिस भेजे जाने लगे. अब एक तरफ हमारे छोटे-छोटे बच्चे सड़क पर बैठे हैं, हम समान बाहर निकाल रहे हैं और हमारे आपके सामने हमारी जिंदगी भर की कमाई बर्बाद की जा रही है. यह गलत है. सरकार हमारे साथ गलत कर रही है.
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प्रशासन ये दे रहा दलील
पटना के जिलाधिकारी ने कहा कि तमाम अवैध मकान तोड़े जाएंगे. जो रह रहे हैं, वह गलत कर रहे हैं. पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर प्रसाद भी सुबह से ही इन इलाकों में कैम्प कर रहे थे. जब उनसे हमारी टीम ने बात की तो उन्होंने कहा कि यह 40 एकड़ की जो जमीन है, उस पर लोग अवैध कब्जा किए हुए हैं. प्रशासन ने पहले भी इसके लिए मना किया गया था.
दरअसल ये पूरा खेल भू माफियाओं का है. भोले भाले लोगों को बरगला कर उन लोगों ने जमीन बेच दी. यहां पर उन्होंने संघर्ष समिति बना लिया. मकान निर्माण समिति तैयार कर लिया और उसी के तहत लोगों को वह जमीन बेचने लगे हैं. अब उन तमाम लोगों पर कार्रवाई होगी, जिन लोगों ने इस जमीन को खरीदने में ट्रांजैक्शन पैसों का किया है. उनके अकाउंट फ्रीज किए जाएंगे, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. जो लोग यहां रह रहे हैं अगर उन्हें बिजली का कनेक्शन भी दे दिया गया तो सरकार ने इसमें कुछ भी गलत नहीं किया है. यह मूलभूत सुविधा है. अगर आपके पास अपना जमीन और घर नहीं भी है तो आपको बिजली जैसी मूलभूत सुविधा सरकार मुहैया कराती है. इसका मतलब यह कतई नहीं कि आपका मकान वैध है. तमाम मकान अवैध है और किसी भी हालत में इन अवैध कब्जों को हटा ही दिया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- पटना में एक्शन में बुलडोजर, तोड़े गए अवैध निर्माण
- 40 एकड़ जमीन मुक्त कराने का अभियान
- स्थानीय लोगों ने किया पथराव, लगाई आग