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Bihar Politics: बिहार में अफसरशाही हावी? पहले सुधाकर सिंह की तो अब चंद्रशेखर की नहीं सुनते अधिकारी

बिहार में मंत्री और अधिकारियों के बीच अक्सर विवाद की खबर सामने आती रही है. मंत्री आरोप लगाते हैं कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते.

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Jatin Madan
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chandrashekhar and sudhakar singh

फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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बिहार में मंत्री और अधिकारियों के बीच अक्सर विवाद की खबर सामने आती रही है. मंत्री आरोप लगाते हैं कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच चल रहे विवाद से सवाल उठने लगा है कि क्या बिहार में अफसरशाही हावी है. बिहार में महागठबंधन की सरकार में मंत्री और अधिकारी की टकराहट की मिसाल कायम होने लगे हैं. अभी तो किस्सा शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बनाम शिक्षा विभाग के अधिकारी केके पाठक बीच कोहराम मचा रहा है. पहले मंत्री और अधिकारी की टकराहट की गूंज के शिकार तत्कालीन कृषि मंत्री सुधाकर सिंह और तत्कालीन मंत्री डॉ. संतोष सुमन भी हुए थे. इन सब समय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मौन ही हावी रहा. केके पाठक और शिक्षा मंत्री के बीच विवाद इतना बढ़ा गया कि चंद्रशेखर को पहले लालू यादव फिर नीतीश कुमार के दरबार में हाजिरी लगानी पड़ी. सीएम से मुलाकात के बाद अब शिक्षा मंत्री सब कुछ ठीक बता रहे हैं.

डैमेंज कंट्रोल में जुटी RJD-JDU

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और केके पाठक के मुद्दे पर आरजेडी और जेडीयू कल तक जहां आमने सामने हो गई थी. अब दोनों पार्टियां डैमेंज कंट्रोल में जुट गई हैं. सरकार के दूसरे मंत्री कह रहे हैं कि दोनों के बीच कोई इशू नहीं है. सब ठीक है. मंत्री-अधिकारियों के विवाद पर RJD में भी दो फाड़ देखने को मिल रहा है. RJD विधायक रणविजय साहू  जहां मंत्री और अधिकारी के बीच मिलकर काम करने की बात कह रहे हैं. वहीं, सुधाकर सिंह अपनी ही सरकार पर हमलावर हैं.

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नीतीश के शासनकाल में नहीं सुनते अधिकारी

पिछले 18 साल से नीतीश कुमार बिहार की सत्ता में हैं. इन 18 सालों में अधिकतर समय बीजेपी उनके सहयोगी दल के रूप में सत्ता में साथ रही है. बीजेपी के नेताओं का भी कहना है कि नीतीश कुमार के शासनकाल में ऑफिसर किसी नेता या मंत्री की नहीं सुनते हैं. राजनीतिक दल के नेता भले ही कुछ बयान बाजी कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुछ चहेते अधिकारियों की चलती है.

अधिकारियों और नेताओं के बीच तल्खी

पिछले एक दशक में कई ऐसे मामले सामने आए, जिसमें बिहार के अधिकारियों और नेताओं के बीच तल्खी देखने को मिला. इस पर बिहार में सियासत भी खूब हुई. कभी अधिकारी पर गाज गिरी तो कभी मंत्री को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी, लेकिन इतना तो तय है कि अधिकारियों और मंत्रियों  की लड़ाई के के कारण जनहित से जुड़े हुए कई मामले ठंडे बस्ते में चले जाते हैं.

रिपोर्ट : आदित्य झा

HIGHLIGHTS

  • बिहार में मंत्री की नहीं सुनते अधिकारी
  • अधिकारियों और नेताओं के बीच तल्खी
  • चंद्रशेखर बनाम केके पाठक से मचा कोहराम 
  • डैमेंज कंट्रोल में जुटी RJD-JDU

Source : News State Bihar Jharkhand

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