Ramgarh By- Election: 13 नवंबर को बिहार के चार सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. इन सीटों में बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ और तरारी शामिल है. जहां एक तरफ गया के इमामगंज से हम पार्टी के संयोजक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू चुनाव लड़ने जा रही हैं तो वहीं रामगढ़ सीट से आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत कुमार सिंह चुनावी मुकाबले में हैं. इन सबके बीच रामगढ़ सीट हॉट सीट बन चुकी है.
अजीत सिंह पर आरजेडी ने खेला दांव
रामगढ़ सीट बक्सर लोकसभा के अंतगर्त आता है और 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान इस सीट से विधायक सुधाकर सिंह ने संसदीय चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की. संसद बनने के बाद सुधाकर सिंह ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और रामगढ़ सीट खाली हो गई. सुधाकर सिंह अजीत कुमार सिंह के बड़े भाई हैं.
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अजीत सिंह Vs अशोक सिंह
अब बड़े भाई की सीट पर छोटे भाई को टिकट दी गई है. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी ने इस सीट से पूर्व विधायक अशोक सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. रामगढ़ सीट से अशोक सिंह विधायक रह चुके हैं, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में सुधाकर सिंह से वो हार गए थे. इसलिए रामगढ़ चुनाव को काफी दिलचस्प माना जा रहा है. बीजेपी और आरजेडी के अलावा जनसुराज पार्टी ने भी रामगढ़ सीट से अपना प्रत्याशी उतारा है. प्रशांत किशोर ने इस सीट से सुशील कुमार कुशवाहा को टिकट दिया है.
रामगढ़ सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला
बता दें कि कुशवाहा 2019 में बसपा के टिकट से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे. इन तीनों के अलावा बसपा ने भी रामगढ़ सीट से अपना उम्मीदवार खड़ा किया है. रामगढ़ सीट से पिंटू यादव को टिकट दिया गया है. पिंटू यादव ददन पहलवान के भतीजे हैं. ददन पहलवान भी रामगढ़ से विधायक रह चुके हैं.
क्या है जातीय समीकरण
रामगढ़ की सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला देखा जा रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इस सीट से कौन बाजी मारता है. जातीय समीकरण की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में राजपूत, मुस्लिम और यादव वोटर्स किसी भी उम्मीदवार के सिर पर जीत का ताज पहनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.