साल 2022 अब खत्म होने जा रहा है. इस साल बिहार की राजनीति में काफी उलट-फेर देखने को मिला. जहां किसी के सपने पूरे हुए तो किसी के सपने चकना चूर हो गए हैं. किसी को सपनों का महल मिल गया तो किसी का छीन गया, लेकिन इन सब में सबसे अहम बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के लिए ये साल काफी खास रहा. आखिरकार बिहार में उनकी सरकार बन ही गई. हालांकि अभी वो बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बने हैं, लेकिन खुद सीएम नीतीश कुमार ने अब ये संकेत दे दिए हैं कि अब अगले सीएम तेजस्वी यादव ही होंगे. अब ये तो वक्त ही बताएगा कि वो सीएम बनते हैं या नहीं, लेकिन उससे पहले हम आपको बताएंगे कि कैसे ये साल उनके लिए खास रहा.
चारा घोटाला मामले में लालू यादव को मिली जमानत
साल 2022 की शुरुआत होते ही लालू परिवार के लिए खुशी लेकर आई. चारा घोटाला मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जमानत मिल गई. चारा घोटाला के डोरंडा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में वो सजा काट रहे थे. लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद उन्हें कोर्ट ने जमानत दे दी. कोर्ट ने उन्हें जमानत इसलिए दी क्योंकि लालू प्रसाद यादव को नियम के अनुसार 30 महीने की सजा काटनी थी, जबकि वे 42 महीने की सजा काट चुके हैं. जिसके आधार पर उन्हें जमानत के लिए 10 लाख रुपए जमा करने का निर्देश दिया गया था.
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लालू यादव ने तेजस्वी को पार्टी की सौंपी कमान
लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद पार्टी की जिम्मेदारी तेजस्वी यादव ने ही उठाई थी. चाहे वो 2020 बिहार विधानसभा चुनाव हो या पार्टी को सही राह में लेकर चलना हो. कई बार पार्टी में टूट होती नजर आई, लेकिन उन्होंने संभाल लिया. ऐसे में ये बातें उठने लगी की तेजस्वी की ही ताजपोशी होगी. लालू प्रसाद यादव ने एक बैठक की और इसमें ये साफ कर दिया कि अब नीतिगत मामलों में तजस्वी ही बोलेंगे. उन्होंने सीधे तौर पर राष्ट्रीय जनता दल की कमान तेजस्वी के हाथ में सौंप दी. ये बात उन्होंने 12वीं बार आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद कही थी.
आरजेडी बनी बिहार की सबसे बड़ी पार्टी
बिहार विधान सभा चुनाव में जहां आरजेडी ने 75 सीट जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बन गए थी. फिर बिहार में उपचुनाव हुए, जिसमें आरजेडी ने एक सीट पर जीत हासिल करने के बाद पार्टी में विधायकों की संख्या 76 हो गई थी. इसके बाद बीजेपी ने VIP के तीन विधायकों को अपने खेमे में शामिल कर लिया था और बीजेपी 77 विधायकों के साथ बिहार की पहले नंबर की पार्टी बन गई थी. लेकिन आरजेडी फिर से बीजेपी के खेल को बिगाड़ दिया. दरअसल असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के चार विधायकों के पाला बदलते ही बिहार में राजद फिर से सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी. आरजेडी के विधानसभा में 80 विधायक हो गए और बीजेपी 77 विधायकों के साथ दुबारा दूसरे नंबर की पार्टी बन गई थी.
बिहार में एक बार फिर से आई महागठबंधन की सरकार
बिहार में भाजपा और जेडीयू का गठबंधन टूटने के बाद एक बार फिर से महागठबंधन की सरकार बन गई है. जिसके इंतजार में तेजस्वी यादव कब से थे. जहां तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया. जिसके बाद तेजस्वी यादव ने कहा था कि महागठबंधन इतना मजबूत है कि विधानसभा में विपक्ष में सिर्फ अब केवल भाजपा बचेगी. सीएम नीतीश कुमार द्वारा लिया गया कि मुश्किल फैसला एक ऐसा फैसला है जिसकी जरूरत बिहार को पहले से थी. सांप्रदायिक तनाव भाजपा द्वारा फैलाया जा रहा था, वे क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की कोशिश में लगे हुए थे.
तेजस्वी यादव को लेकर कई अटकले लगाई जा रही है कि बिहार के अगले सीएम होंगे, लेकिन ये कब होगा इस बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता. क्योंकि बिहार की राजनीति में कब उलट-फेर आजाए कोई नहीं जानता, लेकिन तेजस्वी यादव के सरकार में आने के बाद युवाओं की उम्मीद उनसे काफी बढ़ गई. क्योंकि सरकार में आने से पहले उन्होंने वादा किया था कि उन्हें नौकरी देंगे. जिसकी आस में आज भी बिहार के युवा बैठे हैं. हालांकि उनके तरफ से कई नियुक्ति पत्र बाटी भी गई, लेकिन बीजेपी ने ये कहा ये नौकरी युवाओं को बीजेपी की सरकार में ही मिली थी. वहीं, बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल उठाए जा रहें हैं. ऐसे में अब उनका काम ही उनका भविष्य तय करेगा कि बिहार की जनता क्या चाहती है, लेकिन अगर हम पूरे साल को देखे तो 2022 तेजस्वी यादव के लिए खुशियों से भरा रहा है.
HIGHLIGHTS
- लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट ने दे दी जमानत
- अब नीतिगत मामलों में तजस्वी ही बोलेंगे : लालू यादव
- बिहार में RJD फिर से सबसे बड़ी पार्टी बनी
- BJP और JDU का गठबंधन टूटने के बाद महागठबंधन की बन गई सरकार
Source : News State Bihar Jharkhand