एक बार फिर से जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बहाने बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बिहार की नीतीश सरकार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक बुलाये और नीतीश सरकार इसके लिए कानून बनाये. साथ ही उन्होंने जेडीयू के उन आरोपों को भी खारिज किया है जिसमें कहा जा रहा था कि जातीय जनगणना के खिलाफ याचिका दाखिल करनेवाले शख्स का संबंध बीजेपी से है. सुशील मोदी ने कहा कगि हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वालों से बीजेपी का कोई संबंध नहीं हैं. हम विधानसभा में समर्थन और कोर्ट में विरोध की दो मुँही राजनीति नहीं करते. सुशील मोदी ने ये भी आरोप लगाया है कि जातीय जनगणना कराने का श्रेय अकेले सूबे के सीएम नीतीस कुमार लेना चाहते हैं. उन्होंने कभी भी इस मुद्दे पर सभी दलों से बात नहीं की.
याचिका दाखिल करनेवाले का BJP से संबंध नहीं
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना के विरुद्ध याचिका दायर करने वालों से बीजेपी के संबंध की बात बिल्कुल भ्रामक है. हम ऐसी दोमुँही राजनीति नहीं करते कि जिस मुद्दे का विधानसभा में समर्थन करें, उसी के विरोध में किसी को अदालत भेज दें. सुशील मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट में कमजोर पैरवी के कारण इस पर रोक लगी और जदयू इसका ठीकरा बीजेपी के सिर फोड़ना चाहता है.
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सरकार को तुरंत बुलानी चाहिए सर्वदलीय बैठक
उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट ने जो प्रश्न उठाये हैं, उनका उत्तर देने के लिए सरकार को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और जरूरत पड़े तो विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर कानून बनाना चाहिए. सुशील मोदी ने कहा कि यदि जातीय जनगणना का निर्णय होने के बाद मुख्यमंत्री ने अकेले श्रेय लेने का मोह छोड़ कर सभी दलों को विश्वास में लिया होता और कोर्ट में कानूनी पक्ष रखने सहित तैयारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की होती , तो इस पर रोक की नौबत नहीं आती.
जातीय सर्वे कराना राज्यों का आधार
उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने का निर्णय बीजेपी के सरकार में रहते हुआ था और इसके लिए विधान मंडल में दो बार प्रस्ताव पारित होने से लेकर प्रधानमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में सम्मिलित रहने तक, हर स्तर पर पार्टी समर्थन में खड़ी रही. सुशील मोदी ने कहा कि मोदी ने कहा कि जातीय सर्वे करना जनगणना नहीं है. यह राज्यों का अधिकार है. बिहार से पहले कर्नाटक और तेलंगाना सरकार ऐसे सर्वे करा चुकी है.
HIGHLIGHTS
- सुशील मोदी ने नीतीश सरकार पर बोला हमला
- जातीय जनगणना के मुद्दे पर कसा तंज
- सर्वदलीय बैठक बुलाकर कानून बनाने की मांगी की
- याचिकाकर्ता का BJP से कोई संबंध नहीं-सुशील मोदी
Source : News State Bihar Jharkhand