बेबाक राय रखने वाले मशहूर गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) मुश्किलों में फंस गए हैं. दिल्ली हिंसा (Delhi Riots) के बाद आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) के घर को सील करने पर दिए विवादित बयान को लेकर उनके खिलाफ बिहार (Bihar) के बेगूसराय में व्यवहार न्यायालय के सीजीएम के पास परिवाद पत्र दायर किया गया है. जिसकी अगली सुनवाई 25 मार्च को रखी गई है. बेगूसराय (Bagusarai) व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता अमित कुमार ने जावेद अख्तर के खिलाफ परिवार पक्ष दायर किया है.
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दिल्ली हिंसा के बाद ताहिर के घर को पुलिस द्वारा सील करने पर जावेद अख्तर ने टिप्पणी की थी. इसी को लेकर अधिवक्ता ने कहा कि जब देश में ट्रंप आए थे, उस समय दिल्ली में हिंसा कराई गई. जिसमें 40 से ज्यादा जानें गईं, लेकिन जावेद अख्तर ने ताहिर के घर को सील करने पर सवाल उठाते हुए टिप्पणी की थी, जो विभिन्न अखबारों और मीडिया में बात आई थी. अधिवक्ता ने कहा कि इस टिप्पणी ने अपराध को धर्म से जोड़ने का काम किया जो आपत्तिजनक है. इसी को लेकर अधिवक्ता के द्वारा सीजीएम के पास परिवाद पत्र दायर किया गया है.
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बता दें कि दिल्ली हिंसा के बाद ताहिर हुसैन के खिलाफ पुलिस की इस कार्यवाई पर जावेद अख्तर ने सवाल उठाए थे. उन्होंने विवादित ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था, 'कई लोग मारे गए. बहुत से लोग जख्मी हुए. कई घर जला दिए गए. दुकानें लूट ली गईं और कई आश्रय विहीन हो गए, लेकिन पुलिस ने सिर्फ एक घर को सील किया और उसके मालिक की तलाश कर रही है. संयोगवश उसका नाम ताहिर है. दिल्ली पुलिस को एक चीज पर डटे रहने को सलाम.' गौरतलब है कि ताहिर हुसैन के घर से कई आपत्तिजनक सामानों के साथ भारी मात्रा में पत्थर, पेट्रोल बम के बोतल, गुलेल इत्यादि बरामद किए गए थे. ताहिर पर दिल्ली हिंसा में शामिल होने के आरोप लगे हैं.
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