Bridge Collapse in Bihar: बिहार में पुल गिरने का मामला राज्य से निकलकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. दरअसल, पिछले 1-2 हफ्तों से प्रदेश में लगातार पुल गिर रहे हैं. बिहार में गिरते पुल ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचते हुए प्रशासन पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. विपक्ष भी लगातार इसे लेकर राज्य सरकार को घेरती नजर आ रही है. भरभराकर गिरते पुल के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिहार सरकार ने एक हाई लेवल कमेटी का भी गठन किया और पुल गिरने की वजहों का पता लगाने का निर्देश दिया. वहीं, अब नीतीश सरकार ने पुल गिरने के मामलों पर रोक लगाने के लिए मेंटेनेंस पॉलिसी की शुरुआत करने जा रही है. इन सबके बीच मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर याचिकाकर्ता और अधिवक्ता ब्रजेश सिंह ने अनुरोध किया है कि कोर्ट राज्य सरकार को आदेश दे कि वे प्रदेश में गिर रहे छोटे-बड़े पुलों का ऑडिट कराए. इसके साथ ही प्रदेश में जिन भी पुलों की संरचनाएं कमजोर है या उसमें किसी भी प्रकार की कोई खामी है तो उसकी जांच कराते हुए उसे ध्वस्त कराकर पुननिर्मित कराया जाए.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पुल गिरने का मामला
आपको बता दें कि बीते दिन बिहार में चार पुलों के गिरने का मामला सामने आया था. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर पुलों की सुरक्षा के लिए स्थाई निकाय का भी गठन करने की मांग की है. बिहार की बात करें तो प्रदेश में पिछले दो हफ्तों में लगातार पुल गिरने के मामले सामने आ रहे हैं.
बाढ़ प्रभावित राज्य है बिहार
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि बिहार में करीब 73.6 फीसदी जमीन बाढ़ प्रभावित है. हर साल बाढ़ की चपेट में आने से इन इलाकों में पुलों के गिरने की घटनाएं सामने आती है, जो चिंता का विषय है. वहीं, प्रदेश में बीते कुछ हफ्ते में कई पुलों के गिरने का मामला सामने आया है. महज बुधवार को प्रदेश में 4 पुल गिरे हैं. जिसमें से एक पुल सिवान में, 1 पुल महाराजगंज में और सारण जिले के गंडक नदी पर बने हुए दो पुल गिर गए.
HIGHLIGHTS
- बिहार पुल गिरने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
- महज बुधवार को प्रदेश में 4 पुल गिरे
- राज्य सरकार को दें पुलों के ऑडिट का आदेश
Source : News State Bihar Jharkhand