पटना कॉलेज के सामने 300 साल पुराने मंदिर तोड़े जाने के विरोध में पिछले 7 दिनों से लोग आमरण अनशन पर है. इस मामले में लोगों का कहना है कि विशेष धर्म के साथ और उनके आस्था के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है. आसपास दूसरे धर्म से जुड़े हुए भी कई धार्मिक स्थल है, लेकिन सरकार उसपर खरोंच तक नहीं आने देती है. वहीं, आमरण अनशन पर बैठे संजय सिंह चंद्रवंशी समेत तमाम लोगों ने कहा कि हम जान दे देंगे, लेकिन इस मंदिर को नहीं तोड़ने देंगे. लोगों का कहना है कि इसी पटना कॉलेज से पढ़कर और यहीं से आशीर्वाद लेकर नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री बने हैं और अब इसी मंदिर को खत्म करने की बात सरकार कर रही है. स्थानीय प्रशासन हमारा सहयोग करें और कोई बीच का रास्ता निकाला जाए.
मंदिर हटाने के मामले में सियासी बयानबाजी का दौर जारी
आपको बता दें कि बुधवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी यहां पहुंचे थे भारत की पहचान सनातन से है और इसके खिलाफ साजिश हो रही है.वहीं, ये मामला तूल पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. बीजेपी ने सरकार और जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए तो वहीं जनता दल यूनाइटेड ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि यह मामला तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन के समय का है और उसी धर्म को लेकर जब बातचीत हुई थी और जिला प्रशासन इस मंदिर के वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर भी चर्चा कर रही थी. बीजेपी के नेता अब इस मामले को लेकर भी राजनीति कर रहे हैं. मंदिर को कहां पर स्थापित किया जाए इसका कार्य अंतिम प्रक्रिया में है फिर भी बीजेपी के लोग बयान बाजी कर रहे हैं.
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बीजेपी ने सरकार को घेरा
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि बिहार सरकार इसी तरीके का कार्य करती है. अगर मंदिर के जगह पर वहां किसी और धर्म और उनके धार्मिक आस्था से जुड़ा मामला होता तो बिहार सरकार क्या करती. बिहार सरकार को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए और उसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. पटना में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं और जिसको लेकर किसी धर्म की आस्था के साथ खिलवाड़ करने का हक कोई किसी को नहीं देता.
CPIML ने बीजेपी को घेरा
वहीं, इस मामले पर CPIML के विधायक रामबली सिंह यादव ने कहा कि बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है और ना ही उनके पास कोई एजेंडा है. वह मंदिर मस्जिद बाबा और धर्म के नाम पर वोट लेना चाहते हैं. कर्नाटक में जनता ने उन्हें दिखा दिया और अब बारी 2024 की है. जब भी कोई विकास के कार्य होते हैं तो वहां मंदिर मस्जिद या अन्य जो चीजें बाधा पहुंच आती है उन्हें तोड़कर विस्थापित किया जाता है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लोगों को यही मुद्दे दिखाई देते हैं और जिसकी वजह से बिहार और देश की जनता अब समझ चुकी है कि भाजपा इस तरह की राजनीति कर रही.
HIGHLIGHTS
- सड़क निर्माण के दौरान मंदिर हटाने का मामला
- मंदिर हटाने के मामले में सियासी बयानबाजी का दौर जारी
- BJP ने सरकार, जिला प्रशासन की कार्यशैली पर उठाए सवाल
Source : News State Bihar Jharkhand