बिहार में जातीय गणना मामले में नीतीश कुमार सरकार की बड़ी जीत हुई है. पटना हाई कोर्ट ने जातीय जनगणना पर नीतीश-तेजस्वी सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने सारी याचिका खारिज करते हुए बिहार में जातीय जनगणना जारी रखने का आदेश दिया है. पटना हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद तय माना जा रहा है कि इसका राजनीतिक प्रभाव बिहार में दिखना शुरू हो जाएगा. हाई कोर्ट के इस फैसले को RJD ने ऐतिहासिक बताया है.
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी डीएम को लिखा पत्र
वहीं, आपको बता दें कि जातीय गणना कराना अब बिहार सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गई है. सरकार ने बिहार जाति आधारित गणना 2022 को सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल किया है. बिहार में आज से ही जातीय गणना का काम भी शुरू हो जाएगा. इसे लेकर सरकार ने सभी जिलों के डीएम को आदेश भी जारी कर दी है. हाईकोर्ट का फैसला आने के चंद घंटे के बाद ही सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से ये आदेश जारी किए गए हैं. इस आदेश में सभी डीएम का कहा गया है कि पटना हाई कोर्ट के फैसले पर पारित आदेश के आलोक में बिहार जाति आधारित गणना 2022 के अवरुद्ध कार्य को फिर से शुरू किया जाए. ये काम तत्काल शुरू करने के लिए कहा गया है.
शिक्षकों के लिए नया फरमान
वहीं, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के द्वारा एक और फरमान जारी किया गया है. जहां पर शिक्षकों को शिक्षा देने के अलावा और कोई काम नहीं करना है. यह फरमान उस वक्त जारी किया गया है जब पटना उच्च न्यायालय के द्वारा जातीय गणना को कराने को लेकर फैसला आया. जिसके बाद सामान्य प्रशासन के द्वारा तमाम जिलों के जिला अधिकारियों को यह आदेश दिया गया है कि जल्द से जल्द जातीय गणना कराएं. वहीं, बताते चलें कि जातीय गणना में शिक्षकों को आगे किया गया है ताकि शिक्षक जो है वह बढ़-चढ़कर जातीय गणना करा कर जल्द ही इसे समाप्त करें.
HIGHLIGHTS
- सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी डीएम को लिखा पत्र
- तत्काल शुरू करें जातीय गणना का काम
- हाईकोर्ट के फैसले के चंद घंटे बाद आदेश जारी
Source : News State Bihar Jharkhand