केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बिहार के 6 नए शेल्टर होम के खिलाफ कथित उत्पीड़न को लेकर केस दर्ज किया है. इसके साथ ही सीबीआई जांच के घेरे में अब तक बिहार के 9 शेल्टर होम आ चुके हैं. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने इन शेल्टर होम के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसमें अप्रबंधन, उत्पीड़न और कई अन्य शिकायतें सामने आई थी. इससे पहले बुधवार को भी सीबीआई ने भागलपुर और गया के दो शेल्टर होम के खिलाफ केस दर्ज किया था.
गुरुवार को मुंगेर में एक शेल्टर होम चलाने वाले नोवेल्टी वेलफेयर सोसायटी, इसी जिले में पनाह शेल्टर होम, कैमूर में ग्राम स्वराज सेवा संस्थान, मुजफ्फरपुर में ओम साईं फाउंडेशन द्वारा चलाने वाले सेवा कुटीर और पटना में आईकेएआरडी द्वारा संचालित एक शेल्टर होम और डॉन बॉस्को टेक सोसायटी द्वारा संचालित कौशल कुटीर के खिलाफ केस दर्ज किया है.
एफआईआर के मुताबिक मुंगेर के 'पनाह' शेल्टर होम में रहने वाला निरीक्षक बच्चों के साथ मारने पीटने के साथ, खाना बनाने और साफ-सफाई का काम करवाता है. इसके अलावा कैमूर के ग्राम स्वराज सेवा संस्थान के निरीक्षकों सुदर्शन राम, पिंटु पाल और तारा देवी का नाम सीबीआई ने दर्ज किया है.
वहीं मुजफ्फरपुर के ओम साईं फाउंडेशन के डायरेक्टर का नाम वहां रहने वाले लड़कियों के साथ शारीरिक हिंसा और गालियां देने के आरोप में दर्ज किया गया है. एफआईआर के अनुसार, पटना में आईकेएआरडी द्वारा संचालित शेल्टर होम में लगातार हिंसा की बात सामने आई थी.
बुधवार को जांच एजेंसी ने भागलपुर में रूपम प्रगति समाज समिति द्वारा संचालित लड़कों के चिल्ड्रेन होम और गया में दाउदनगर ऑर्गेनाइजेशन फॉर रुरल डेवलपमेंट (डीओआरडी) द्वारा संचालित हाउस मदर चिल्ड्रेन होम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
जांच एजेंसी ने कहा कि इन शेल्टर होम (आश्रय गृह) को चलाने वाले अधिकारी एजेंसी के तहकीकात के दायरे में हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में जांच को बिहार सरकार से लेकर सीबीआई को सौंप दिया था.
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पिछले साल मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि TISS के रिसर्च में सामने आए 17 शेल्टर होम के खिलाफ जांच किया जाए.
गौरतलब है कि मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) द्वारा बिहार सरकार को सौंपी गई सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट के आधार पर इस मामले का खुलासा हुआ था कि समाज कल्याण विभाग के मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौन शोषण हो रहा है. इसके बाद यहां की लड़कियों की चिकित्सकीय जांच के बाद 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी.
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पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर जांच प्रारंभ की थी. इसके बाद सुप्रीट कोर्ट के आदेशानुसार सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. अब तक मुजफ्फरपुर मामले में 10 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
Source : News Nation Bureau