Advertisment

CBI ने नाबालिगों से उत्पीड़न को लेकर बिहार के दो शेल्टर होम के खिलाफ FIR दर्ज किया

CBI ने भागलपुर में रूपम प्रगति समाज समिति द्वारा संचालित लड़कों के चिल्ड्रेन होम और गया में डीओआरडी द्वारा संचालित हाउस मदर चिल्ड्रेन होम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
CBI ने नाबालिगों से उत्पीड़न को लेकर बिहार के दो शेल्टर होम के खिलाफ FIR दर्ज किया

शेल्टर होम में उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन (फाइल फोटो)

Advertisment

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बिहार के दो शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद नए एफआईआर दर्ज किए हैं. जांच एजेंसी ने भागलपुर में रूपम प्रगति समाज समिति द्वारा संचालित लड़कों के चिल्ड्रेन होम और गया में दाउदनगर ऑर्गेनाइजेशन फॉर रुरल डेवलपमेंट (डीओआरडी) द्वारा संचालित हाउस मदर चिल्ड्रेन होम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. बता दें कि जब मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था उस वक्त टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) की रिपोर्ट में इन दोनों शेल्टर होम का नाम भी शामिल था.

जांच एजेंसी ने कहा कि इन शेल्टर होम (आश्रय गृह) को चलाने वाले अधिकारी एजेंसी के तहकीकात के दायरे में हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में जांच को बिहार सरकार से लेकर सीबीआई को सौंप दिया था.

पिछले साल मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि TISS के रिसर्च में सामने आए 17 शेल्टर होम के खिलाफ जांच किया जाए.

TISS की रिपोर्ट में बताया गया था कि गया के हाउस मदर ऑफ चिल्ड्रेन होम में बच्चों के साथ गालियां देकर बात की जाती है, उनसे गंदे मैसेज पन्ने पर लिखवाई जाती हैं, उनके साथ मार-पिटाई होती है और शारीरिक श्रम भी करवाया जाता है.

शेल्टर होम में नाबालिगों के लिए ईलाज, पढ़ाई, मनोरंजन और भोजन की उचित व्यवस्था नहीं पाई गई थी. एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया है कि निदेशक और अन्य अधिकारी जुवेनाइल जस्टिस एक्ट का उल्लंघन कर लड़कों के चिल्ड्रेन होम को चला रहे थे.

और पढ़ें : बिहार: गया में किशोरी की नृशंस हत्या मामले पर याचिका दायर करेंगे सांसद पप्पू यादव

एजेंसी के मुताबिक, 'शेल्टर होम में लड़कों के साथ मानसिक और शारीरिक रूप से उत्पीड़न होता था. वहां कोई शैक्षणिक, मनोरंजन और प्रशिक्षण की सुविधाएं नहीं दी गई थी. अधिकारी ने कहा कि TISS के रिपोर्ट को एफआईआर में प्राथमिक आरोपों के रूप में दर्ज किया गया है.

गौरतलब है कि मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) द्वारा बिहार सरकार को सौंपी गई सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट के आधार पर इस मामले का खुलासा हुआ था कि समाज कल्याण विभाग के मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौन शोषण हो रहा है. इसके बाद यहां की लड़कियों की चिकित्सकीय जांच के बाद 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी.

और पढ़ें : मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: विक्की ने सीबीआई के सामने किया सरेंडर, दिव्यांग लड़की के साथ रेप का आरोप

पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर जांच प्रारंभ की थी. इसके बाद सुप्रीट कोर्ट के आदेशानुसार सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. अब तक मुजफ्फरपुर मामले में 10 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

Source : News Nation Bureau

Supreme Court cbi सीबीआई Bhagalpur बिहार Gaya Muzaffarpur Shelter Home Case Bihar Shelter Homes Tiss Shelter Homes Case शेल्टर होम
Advertisment
Advertisment