बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण 117 बच्चों की मौत होने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत प्रमुख नेताओं पर हमला बोला है. यहां तक कि कुछ यूजर्स ने उनके इस्तीफे भी मांगे हैं. एक ट्विटर यूजर ने लिखा, "नीतीश कुमार, एक हृदयहीन व्यक्ति, एक भयानक मित्र, विश्वासघाती सहयोगी और घटिया मुख्यमंत्री."
एक अन्य यूजर ने आरोप लगाया, "बिहार में स्वास्थ्य और शिक्षा की बुरी स्थिति. सीएम नीतीश कुमार के पास इफ्तार पार्टी में जाने के लिए समय है, लेकिन अस्पताल जाने में उन्हें 17 दिन लग गए. अस्पतालों में पीने का पानी नहीं है. इस अनजानी बीमारी पर अभी तक कोई शोध नहीं हुआ है. अस्पतालों में बेड नहीं हैं. बच्चे पिछले 10 साल से मर रहे हैं."
@narendramodi Every day kids dying due to AES(Chamki fever) attack but no action taken still. Are you not aware with this?
— Ravi Shankar Singh (@ravi891) June 20, 2019
Why that much casuality happened? is this normal for our governement?
It's my kind request that please take action without delaying. @MoHFW_INDIA
नीतीश ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर का दौरा किया था और इसके बाद सरकार ने जिन ब्लॉकों और गांवों में सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं, उनमें प्रभावित परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और उनके जीवन-यापन की परिस्थितियोंका अध्ययन करने के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया था. मुजफ्फरपुर में कुमार के दौरे के खिलाफ सैकड़ों नाराज लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था.
यह भी पढ़ें: जम्मू कश्मीर: फिर हो सकता है पुलवामा जैसा हमला, अलर्ट जारी
एक अन्य यूजर ने लिखा, "बेशर्म नीतीश कुमार और सुशील मोदी (बिहार के उप मुख्यमंत्री)। उपयुक्त स्वास्थ्य सुविधाओं और दवाइयों के अभाव में बच्चे मर रहे हैं और बिहार सरकार के अधिकारियों के पास पार्टी करने के लिए समय है. बच्चों की मौत पर नीतीश कुमार इतने संवेदनहीन कैसे हैं. केंद्र सरकार मूक दर्शक कैसे बनी हुई है."
इससे पहले, सोमवार को विपक्ष के नेताओं ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का ईस्तीफा मांगा था. मंगल पांडे ने मुजफ्फरपुर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन के साथ आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच का स्कोर पूछा था.
यह भी पढ़ें: बिहार: चमकी बुखार के 'मौत का तांडव' जारी, अब तक 117 मासूमों की गई जान
यूजर्स ने बिहार में मौतों के लिए हर्षवर्धन को भी निशाने पर ले लिया. उन्होंने उनके 2014 में किए वादों की याद दिला दी. उन्होंने वादा किया था कि एसके मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 100 बेड वाले पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट का निर्माण किया जाएगा. एक यूजर ने कहा, "नीतीश, सुशील मोदी और हर्षवर्धन की तिकड़ी को इस्तीफा देकर हमेशा के लिए राजनीति छोड़ देनी चाहिए."