बिहार (Bihar) में दिमागी बुखार या आम भाषा में 'चमरी बुखार' बच्चों की जाने ले रहा है. इस बुखार से अब तक 128 बच्चों की जान जा चुकी है.. इधर, सरकारी रिपोर्ट के अनुसार अबतक एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में कुल मिलाकर 124 मौत हुई हैं. एसकेएमसीएच में 104 और केजरीवाल अस्पताल में 20बच्चों ने अबतक दम तोड़ा है. फिलहाल एसकेएमसीएच के पीआईसीयू में 54 और जेनरल वार्ड में 68 बच्चे इलाजरत हैं. वहीं केजरीवाल अस्पताल में 14 बच्चों का इलाज चल रहा है.
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शुक्रवार को एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में 24 मरीजों को भर्ती कराया गया. सबका इलाज एईएस के लिए तय प्रोटोकॉल से किया जा रहा है. इस बीच केंद्र व राज्य सरकार की टीम ने एसकेएमसीएच में भर्ती मरीजों का जायजा लिया. टीम ने यहां तैनात किए गए दिल्ली व पटना के डॉक्टरों से दवा, उपकरण व अन्य संसाधनों के बारे में पूछताछ की. डॉक्टरों ने बताया कि अब उनकी मांग पर पोर्टेबल एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड उपलब्ध कराया जा रहा है. टीम के साथ डीएम आलोक रंजन घोष और स्वास्थ्य विभाग अपर स्वास्थ्य निदेशक कौशल किशोर भी पहुंचे थे.
100 बेड के नए पीआईसीयू के लिए स्थल निरीक्षण-
केन्द्रीय टीम ने 100 बेड के नए पीआईसीयू के लिए स्थल निरीक्षण भी किया. इसके बाद एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार व अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही के साथ बैठक भी की. उसमें निर्णय लिया गया कि इलाज में कोई कमी न हो इसका पूरी तरह ख्याल रखा जाएगा.
क्या कहना है डॉक्टरों का
डॉक्टरों का कहना है कि चमकी बुखार से मौतें रोकी जा सकती हैं, अगर मुजफ्फरपुर जिले में गरीब परिवारों के पास अच्छा खाना, साफ पानी और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें. इस बीमारी से बढ़ती मौतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
Source : News Nation Bureau