मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर, 11 बच्चे चपेट में, इलाज जारी

मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार का कहर एक बार फिर से देखने को  मिल रहा है. जिलेभर में अबतक 11 बच्चे चमकी बुखार की चपेट में आ चुके हैं. हालांकि, इनमें दो बच्चे सीतामढ़ी के भी रहने वाले हैं.

author-image
Shailendra Shukla
एडिट
New Update
Chamki

11 बच्चे चमकी बुखार की चपेट में( Photo Credit : सोशल मीडिया)

Advertisment

मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार का कहर एक बार फिर से देखने को  मिल रहा है. जिलेभर में अबतक 11 बच्चे चमकी बुखार की चपेट में आ चुके हैं. हालांकि, इनमें दो बच्चे सीतामढ़ी के भी रहने वाले हैं. गर्मी बढ़ने के साथ ही चमकी बुखार का प्रकोप भी शुरू हो जाता है. लगभग एक दशक पहले इस बिमारी से हजारो मां की गोद सुनी होगई थी. लगातार हर साल मौत का सिलसिला रुकने का नाम नही लेता. कोरोना काल में चमकी बुखार का रफ्तार कम लेकिन अब एक बार फिर से चमकी बुखार के मामले सामने आ रहे हैं. यह बीमारी तबतक रहती है, जबतक  मौसम ठंढा न हो जाए और बारिश ना हो जाए. चमकी बुखार अक्सर मई माह में ही अपना पांव पसारता है.

चमकी बुखार इस बार तो अप्रेल माह में ही पांव पसारना शुरू कर चुका है. SKMCH के शिशु रोग विशेषज्ञ बिमलेश कुमार का कहना है कि अभी तक यहां उस तरह के मरीज नही है. जो है वो ठीक है, ज्यादातर गरीब व गांव के ही बच्चे आते है जो धूप में और लीची बगानी में जाते है और रात में बिना खाए सो जाते है, वही चमकी बुखार से प्रभावित होते है.  वहीं, सीतामढ़ी से दो बच्चे चमकी बुखार के पीड़ित मिले हैं और उनका इलाज जारी है. बच्चों के परिजनों का कहना है कि अभी बच्चे ठीक हैं और इलाज चल रहा है. सभी 11 बच्चों का इलाज अस्पताल में जारी है और बच्चे खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-मोतिहारी शराब कांड: विजय सिन्हा ने पीड़ितों से सदर अस्पताल जाकर की मुलाकात, CM नीतीश से की मुआवजे की मांग

क्या होता है चमकी बुखार?

आमतौर पर हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण दिमागी बुखार के मरीजों में देखने को मिलते हैं लेकिन मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2015-16 में बिहार में 5 साल से कम उम्र के 48 प्रतिशत बच्चों में दिमागी बुखार यानि चमकी बुखार की चपेट में आने से मृत हुए थे. इस बीमारी को मस्तिष्क ज्वर या एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम या जापानी इंसेफ्लाइटिस भी कहा जाता है। चमकी बुखार अधिक गर्मी और नमी के मौसम में फैलती है.

चमकी बुखार के लक्षण

-चमकी बुखार से ग्रसित बच्चे को तेज बुखार रहता है

-शरीर में दर्द व ऐंठन से होती है

-कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश भी हो जाता है

-शरीर सुन्न पड़ जाता है तथा झटके भी लगते हैं.

चमकी बुखार से कैसे बचें

-गर्मी के मौसम में फल हो या खाना, जल्दी खराब हो जाते हैं, ऐसे में इस बात का बेहद ख्याल रखें कि बच्चों को ऐसी चीजों का सेवन ना करने दें.
-बच्चों को गंदगी से दूर रखें तथा खाना खाने से पहले व बाद में उनके हाथों को अच्छी तरह से धुलवाएं.
-बच्चों को साफ पानी पीने के लिए दें, उन्हें बाहर धूप में खेलने से मना करें.
-बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट भोजन जरूर कराएं.
-रात के बीच में और सुबह उठते ही देखें कि कहीं बच्चा बेहोश तो नहीं है या उसके शरीर का तापमान बढ़ा तो नहीं है.
-बेहोशी या चमकी के लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर बच्चे को डॉक्टर को दिखाएं.

रिपोर्ट: नवीन कुमार ओझा

HIGHLIGHTS

  • मुजफ्फरपुर में फिर चमकी बुखार का कहर
  • अबतक 11 बच्चे चमकी बुखार की चपेट में
  • सभी बच्चों का अस्पताल में चल रहा इलाज
  • बच्चों की हालत बताई जा रही खतरे से बाहर

Source : News State Bihar Jharkhand

Chamki Fever Chamki Bukhar Chamki Bukhar in Muzaffarpur
Advertisment
Advertisment
Advertisment