राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों पर संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस भेजा है. अधिकारियों से 4 हफ्ते के भीतर जांच रिपोर्ट देने की बात भी कही गई है. बता दें कि बिहार के सारण में जहरीली शराब पीने से 40 से ज्यादा लोगों की मौत होने की खबर सामने आई है, हालांकि जिला प्रशासन 30 लोगों के ही मरने की पुष्टि कर रहा है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बताया कि उन्होंने बिहार के सारण जिले में कथित रूप से जहरीली शराब के सेवन से कई लोगों की मौत होने की मीडिया रिपोटरें का स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने कहा कि 2016 से बिहार में शराब की बिक्री और खपत पूरी तरह से बंद थी, हालांकि इस पाबंदी का कार्यान्वयन खराब रहा है. आयोग ने देखा है कि यदि यह रिपोर्टें सही है, तो ये मानवाधिकारों के लिए चिंता पैदा करती है.
आयोग ने कहा कि जाहिर है, रिपोर्ट की गई घटना बिहार राज्य में अवैध/नकली शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने की अपनी नीति को लागू करने में राज्य सरकार की विफलता को इंगित करती है. इसी को लेकर राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर मामले में पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी की स्थिति, अस्पताल में भर्ती पीड़ितों के चिकित्सा उपचार और मुआवजे सहित विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है.
वहीं आयोग इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानना चाहता है.
गौरतलब है कि बीते तीन दिन में बिहार में जहरीली शराब पीने से 40 से अधिक लोगों की मौत की खबर सामने आई है. मामले को लेकर सरकार ने एसआईटी का गठन किया है. वहीं घटना के बाद से विपक्ष सरकार पर शराबबंदी को लेकर सवाल कर रहा है.
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Source : IANS