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Chhapra Mob Lynching : पीड़ित आलोक ने बताई आपबीती, लाठी-डंडे, हथौड़े व रॉड से हुई थी पिटाई, सीने पर...

छपरा के मांझी के मुबारकपुर पिटाई मामले में जख्मी तीसरे पीड़ित आलोक की जान तो बचा गई है लेकिन उस दिन जो हुआ था वह पूरी जिंदगी नहीं भूल सकता.

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Shailendra Shukla
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पीड़ित आलोक( Photo Credit : न्यूज स्टेट बिहार झारखंड)

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छपरा के मांझी थाने इलाके के मुबारकपुर पिटाई मामले में जख्मी तीसरे पीड़ित आलोक की जान तो बचा गई है लेकिन उस दिन जो हुआ था वह पूरी जिंदगी नहीं भूल सकता. मुबारकपुर में हुई तीन युवकों की पिटाई में दो युवकों की मौत हो चुकी है. इलाज कराने के बाद तीसरा पीड़ित आलोक अपने घर लौट आया है लेकिन अभी भी उस दिन की वारदात को याद करके सिहर सा जाता है. आलोक ने उस दिन की आपबीती बताई. मामले में दो लोगों की इलाज के दौरान अस्पताल में ही मौत हो गई. पहले शख्स की मौत तो वारदात वाले दिन ही हो गई थी जबकि दूसरे घायल युवक की मौत पटना में इलाज के दौरान हो गई थी. आलोक का भी इलाज चल रहा था और अब आलोक को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.

सीने पर कूद-कूदकर पहुंचाई गई थी चोट

आलोक ये बताते हुए फफक कर रो पड़ता है कि उस दिन वह सबसे पहले फॉर्म पर मुर्गा लेने के लिए अकेले पंहुचा उसके बाद अमितेश और राहुल को मुखिया पति द्वारा सामान उठवाने के बहाने बुलाया गया था. आलोक बताते हैं कि उन तीनों को एक बार ही नहीं बल्कि बार-बार आरोपियों के द्वारा मारा गया था. उन्हें लाठी डंडों से पीटा गया. लोहे की रॉड से पीटा गया था. उसने बताया कि किस प्रकार से वहां उन तीन युवकों की पिटाई की गई, आलोक ने बताया कि लाठी डंडे के बाद लोहे के रॉड, हथौड़े से पिटाई की गई. उसके बाद तीनों के सीने पर आरोपियों द्वारा कूद-कूद कर पिटाई गई.

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पिटाई का कारण पूछने पर होती रही पिटाई

आलोक बताते हैं कि तीनों के द्वारा उन्हें पीटने का कारण भी पूछा गया लेकिन हर बार उन्हें पहले से ज्यादा चोटें पहुंचाई गई. आरोपियों ने उनकी एक भी ना सुनी. कभी लाठी-डंडे तो कभी लोहे की रॉड से तो कभी हथौड़े से तीनों को आरोपियों द्वारा मारा जाता रहा. 

बेहोशी का बहाना करने पर बचे आलोक

आलोक बताते हैं कि आरोपियों की बर्बरता को देखते हुए वह समझ चुके थे कि उनकी जान नहीं बचने वाली है. इसलिए आलोक ने बेहोशी का नाटक किया. आरोपियों ने आलोक को मरा हुआ समझकर छोड़ दिया. आलोक के मुताबिक अगर उसने बेहोशी का बहाना नहीं किया होता तो शायद आलोक भी आज दो अन्य पीड़ितों की तरह इस दुनिया में नहीं होता.

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लूडो में शर्त हारने के बाद मुर्गा लेने गया था आलोक

आलोक ने बताया कि जब वे सिंचाई के लिए खेत मे पहुँचे थे, उस वक्त वे तीनों मोबाईल पर लूडो खेल रहे थे. खेल में अमितेश हार गया था और हार के बदले में पार्टी करने के लिए मुर्गा खरीदने मुखिया के मुर्गी फॉर्म पहुँचे थे. आलोक के मुताबिक, वह अकेले ही मुर्गी फॉर्म पर पंहुचा था, जबकि अमितेश और राहुल को मुखिया पति ने समान उठवाने के लिए बुलवाया था.

अबतक 7 आरोपी गिरफ्तार, इंटरनेट सेवा बहाल

मुबारकपुर में वारदात के बाद से ही पुलिस लगातार कांबिंग कर रही है. इंटरनेट सेवाओं को बाधित कर दिया गया था लेकिन अब इंटरनेट सेवाओं से पाबंदी हटा ली गई है. हालांकि, इलाके में अभी भी धारा 144 लागू रहेगी. पुलिस द्वारा मामले में 7 आरोपियों को अबतक गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस द्वारा मामले में 50 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की गई है. पुलिस लगातार हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है और आरोपियों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई भी की है.

रिपोर्टर: बिपिन मिश्रा

HIGHLIGHTS

  • पीड़ित आलोक अस्पताल से आया घर
  • दो घायल युवकों की वारदात में हुई मौत
  • उपचार के दौरान अस्पताल में हुई दोनों की मौत
  • अबतक 7 आरोपी गिरफ्तार, 50 से ज्यादा के खिलाफ FIR

Source : News State Bihar Jharkhand

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