छपरा में जहरीली शराब पीने से हो रही मौतों का आंकड़ा कम बढ़ता ही जा रहा है. इन सबके बीच सियासत भी जारी है लेकिन स्थानीय प्रशासन लोगों का उपचार कराना तक मुनासिब नहीं समझ रहा है. लोग छिप-छिपकर पुलिस प्रशासन से डरते हुए अपना इलाज निजी क्लीनिक, अस्पताल में करा रहे हैं लेकिन प्रशासन अंदा बना बैठा है और शराब से हो रही मौतों को कुछ और बता रहा है. वैशाली पुलिस को खबर लगी की छपरा में जहरीली शराब पीने से बीमार कई लोग हाजीपुर के प्राइवेट अस्पतालों में चोरी चुपके इलाज करवा रहे है. पुलिस द्वारा जब अस्पतालों की पड़ताल शुरू की गई तो एक-एक प्राइवेट अस्पताल में कई लोग अपना इलाज कराते मिले हैं. छपरा के परसा के 3 लोग अस्पताल में इलाज कराते मिले. पता चला की बीमार सभी मरीज जहरीली शराब के शिकार हुए हैं.
वहीं इलाज करने वाले डाक्टर ने भी जहरीली शराब पीने और इलाज के दौरान हुई मौत की बात को स्वीकार किया. शराब काण्ड को देखते हुए वैशाली पुलिस द्वारा छपरा जिला प्रशासन को इस बात की खबर दी गई कि वैशाली में कई लोग चोरी चुपके इलाज करा रहे हैं औऱ मृतकों का शव हाजीपुर में हैं. देर रात की छपरा डेरनी थाने के SHO भागे भागे हाजीपुर पहुंचे और बीमार लोगो और मृतक के शव को छपरा ले जाने की जुगत में लगे दिखे. हालांकि, शराब से हुई मौतों को एसएचओ ने मानने से इन्कार किया और मौत की वजह कुछ और बताया.
निजी अस्पताल में इलाज करा रहे अजीत कुमार नाम के शख्स ने इस बात को स्वीकार किया कि उसने जहरीली शराब पी थी लेकिन शराब किसने और कब लाकर उसे दी इसके बारे में कुछ नहीं बताया. वहीं, इलाज कर रहे डॉक्टर्स का कहना था कि इन सभी को बहुत ही बुरी हालत में अस्पताल में लाया गया था और जब आए तो इन्होंने खुद ही बताया कि इन लोगों द्वारा शराब पी गई थी. एक शख्स की मौत हो गई लेकिन दो शख्स की हालत अब बेहतर है. वहीं, मृतक दामोदर राय की पत्नी रीता देवी ने भी ये बात स्वीकार की दामोदर राय पहले बीमार नहीं थे. किसी ने उन्हें शराब पिला दी थी और वो तमतमाते हुए घर आए और उनकी तबियत अचानक खराब हो गई.
रिपोर्ट: दिवेश कुमार
HIGHLIGHTS
- लोग चोरी-छिपे इलाज कराने को मजबूर
- अबतक 70 से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत
Source : News State Bihar Jharkhand