Advertisment

Chhath 2023: माता सीता ने की थी छठ की शुरुआत, मुंगेर में मिलता है इसका प्रमाण

आस्था के महापर्व छठ का रविवार को तीसरा दिन है, आज सभी वर्तियां डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी. वहीं, छठ से जुड़ी तो कई धार्मिक मान्यता हैं, उसमें से एक यह भी है कि माता सीता ने सबसे पहले छठ पूजा बिहार के मुंगेर में किया था.

author-image
Vineeta Kumari
एडिट
New Update
chhath puja mata sita

माता सीता ने की थी छठ की शुरुआत( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

आस्था के महापर्व छठ का रविवार को तीसरा दिन है, आज सभी वर्तियां डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी. वहीं, छठ से जुड़ी तो कई धार्मिक मान्यता हैं, उसमें से एक यह भी है कि माता सीता ने सबसे पहले छठ पूजा बिहार के मुंगेर में किया था. मुंगेर के गंगा घाट पर माता सीता ने छठ की शुरुआत की थी. यह पर्व बिहार के साथ-साथ झारखंड और यूपी में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं, अब तो छठ की रौनक पूरे देश के साथ विदेशों में भी देखा जा रहा है. जब सीता माता प्रभु राम के साथ वनवास से लौटी थी तो उन्होंने मुंगेर के गंगा तट पर छठ पूजा संपन्न किया था. जिसके बाद से लोक आस्था के महापर्व की शुरुआत हुई और इसके प्रमाण के तौर पर आज भी माता सीता के चरण चिन्ह भी मौजूद है.

यह भी पढ़ें- टल गया बड़ा हादसा, मिथिला एक्सप्रेस से कूदकर भागे पैसेंजर

आपको बता दें कि माता सीता ने मुंगेर के बबुआ गंगा घाट के पश्चिमी तट पर छठ किया था, जहां उनके चरण चिन्ह मौजूद है. यह चरण चिन्ह एक विशाल पत्थर पर अंकित है और यहां दोनों चरणों के निशान दिखते हैं. आज के समय में वहां पर एक मंदिर बना दिया गया है.

वाल्मीकि में भी मिलता है इसका विवरण

वाल्मीकि और आनंद रामायण के अनुसार बिहार के मुंगेर में करीब 6 दिन तक रहकर माता सीता ने छठ पूजा की थी. दरअसल, 14 वर्ष के वनवास के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे. वहीं, रावण वध से पाप मुक्त होने के लिए उन्होंने ऋषि मुनियों के आदेश पर राजसूय यज्ञ करने का निर्णय लिया. 

ऋषि मुद्गल ने दी थी सूर्य उपासना की सलाह

इसके लिए ऋषि मुद्गल को भी आमंत्रण दिया गया, लेकिन उन्होंने स्वयं ना जाकर भगवान राम और सीता को ही अपने आश्रम आने को कहा और वहीं उन्होंने माता सीता को सूर्य की उपासना करने की सलाह दी.

पत्थर पर मौजूद है सभी आकृतियां

आपको बता दें कि माता सीता के पद चिन्ह के साथ ही पत्थर पर सूप, नारियल और कलश की भी आकृति मौजूद है. जहां माता सीता ने पहली बार छठ किया था. वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से साल में 6 महीने तक यह चिन्ह पानी में डूबा रहता है. 

HIGHLIGHTS

  • माता सीता ने की थी छठ की शुरुआत
  • मुंगेर में मिलता है इसका प्रमाण
  • ऋषि मुद्गल ने दी थी सूर्य उपासना की सलाह

Source : News State Bihar Jharkhand

bihar latest news Special train Diwali and Chhath 2023 Chhath 2023 puja Chhath 2023 puja vidhi Chhath Puja vidhi Chhath songs Chhath photos
Advertisment
Advertisment