देश के अधिकांश विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां गुरुवार को कहा कि कृषि बिल किसानों के हक में है. उन्होंने कहा कि वे विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से वे फीडबैक लेते रहते हैं. नीतीश गुरुवार को जदयू कार्यालय से निकलते हुए पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कृषि बिल किसानों के हक में है. उन्होंने पत्रकारों के एक प्रश्न के उत्तर में कहा. "हमने वर्ष 2006 में ही प्राथमिक कृषि साख समितियां (पैक्स) के द्वारा प्रोक्योरमेंट शुरू किया और पैक्स को हमलोगों ने विकसित किया. इसलिए बिहार की स्थिति दूसरी है."
यहां अनाज की खरीद का काम कहां होता था?
उन्होंने आगे कहा कि पैक्स का चुनाव जिस तरह किया गया और पैक्स द्वारा जिस तरह अधिकतम अधिप्राप्ति होती है. यह सभी आप जानते हैं. पहले यह कहां होता था. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा. "यहां अनाज की खरीद का काम कहां होता था? यहां जो काम पहले हुआ है. उसी रास्ते पर देश बढ़ चला है. इसके बारे में अनावश्यक गलतफहमी पैदा की जा रही है. ये बिल किसानों के हक में है."इधर. बिहार में राजद सहित कई विपक्षी पार्टियों ने शुक्रवार को कृषि बिल को किसान के लिए काला कानून बताते हुए बिहार बंद की घोषणा की है.
Source : IANS