बिहार के बगहा से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां बेतिया के बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने से एक बच्चे की मौत हो गई, जिसके बाद आक्रोशित परिजनों ने जमकर बवाल काटा है. परिजनों के मुताबिक, वे करीब दो घंटे तक 102 नंबर पर कॉल करते रहे लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, जिससे नवजात की मौत हो गई. बता दें कि सेमरा थाना क्षेत्र की प्रसव पीड़िता को बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आज सुबह करीब 7 बजे महिला ने नवजात शिशु को जन्म दिया, जिसके बाद नवजात की तबियत बिगड़ने लगी. इसलिए, डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत जीएमसीएच के एनआईसीयू में रेफर कर दिया और भर्ती होने की सलाह दी.
इस घटना को लेकर मिली जानकारी मुताबिक, इस दौरान परिजन करीब 2 घंटे तक 102 एंबुलेंस सेवा को फोन करते रहे लेकिन ड्राइवर ने फोन नहीं उठाया और जब फोन उठाया गया तो ड्राइवर के एंबुलेंस को अस्पताल लाने से पहले ही नवजात शिशु की तड़प-तड़प कर मौत हो गई. इस घटना के बाद परिजन आक्रोशित हो गये और अस्पताल प्रबंधन को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा.
आपको बता दें कि यूपी और नेपाल की सीमा पर स्थित बगहा अनुमंडलीय अस्पताल लगातार एम्बुलेंस की समस्या से जूझ रहा है. कभी ईंधन नहीं तो कभी ड्राइवर नहीं, जिसके कारण मरीजों और उनके परिजनों में अफरा-तफरी का माहौल है और यही कारण है कि रेफर किये गये मरीजों की बेमौत मौत होने लगी है. वहीं इस घटना के बाद मृतक बच्चे के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
इसके साथ ही आपको बता दें कि इस मामले में डीएस डॉ. केबीएन सिंह ने कहा कि एंबुलेंस को लेकर समस्या का समाधान कर लिया गया है, लेकिन आज की घटना में एक ईएमटी की लापरवाही सामने आई है, इस संबंध में सिविल सर्जन और एंबुलेंस के एसीओ को पत्राचार कर मामले की जानकारी देते हुए उक्त ईएमटी को यहां से स्थानांतरित करने की मांग की गयी है.
HIGHLIGHTS
- सरकारी एम्बुलेंस कि लापरवाही
- परिजन फोन करते रहे लेकिन नहीं आई एंबुलेंस
- इलाज में देरी से नवजात मौत
Source : News State Bihar Jharkhand